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महाराष्ट्र में 738 BAMS डॉक्टर होंगे परमानेंट, गढ़चिरौली को फायदा
डिजिटल डेस्क, गढ़चिरौली। महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य में कार्यरत 738 BAMS डॉक्टरों को सरकारी सेवा में नियमित करने का फैसला लिया है। इस निर्णय से आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले के कुल 45 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अस्थायी रूप से कार्यरत 33 आयुर्वेदिक डॉक्टरों को राहत मिली है। बता दें कि BAMS डॉक्टरों ने सरकारी सेवा में शामिल होने के लिए सरकार से निरंतर मांग की थी।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को प्रभावी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। जिले में 45 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 376 उपकेंद्र, 36 प्राथमिक स्वास्थ्य दल तथा 3 मोबाइल स्वास्थ्य दल कार्यरत है। इन सभी अस्पतालों में वैद्यकीय अधिकारी के रूप में BAMS डॉक्टरों की नियुक्ति की जाती है। पहले विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति के माध्यम से इनकी नियुक्ति तकरीबन 11 महीनों के लिए अस्थायी की जाती थी।
गढ़चिरौली जिले में आयुर्वेदिक डॉक्टरों के कुल 55 पद मंजूर होकर 33 पदों पर डॉक्टर कार्यरत हैं। यह सभी डॉक्टर नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में होकर भी इनकी सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोई नियोजन नहीं किया है। इसलिए ये डॉक्टर लगातार स्थायी करने की मांग कर रहे थे। डॉक्टरों की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए महाराष्ट्र के सभी डॉक्टरों समेत गढ़चिरौली में कार्यरत अस्थायी 33 डॉक्टरों को स्थायी करने का निर्णय लिया गया है। सरकार के इस निर्णय का आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने स्वागत किया है।
BAMS के 22 और MBBS के 38 पद रिक्त
गढ़चिरौली जिला नक्सल प्रभावित होकर जिले में कोई अधिकारी आने को तैयार नहीं है। नतीजतन, आज भी यहां के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों में BAMS के डॉक्टरों के 22 पद रिक्त पड़े हुए हैं। वहीं MBBS के 38 पदों पर स्वास्थ्य विभाग को कोई डॉक्टर नहीं मिल पाया है। डॉक्टरों के कुल 60 पद रिक्त होने के कारण इसका असर ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य पर हो रहा है।
Created On :   1 Sept 2017 6:51 PM IST