एक्युरेसी 99.8 फीसदी फिर भी आयुध निर्माणी खमरिया को न देकर निजी क्षेत्र को दे दिया  हैंड ग्रेनेड का आर्डर 

एक्युरेसी 99.8 फीसदी फिर भी आयुध निर्माणी खमरिया को न देकर निजी क्षेत्र को दे दिया  हैंड ग्रेनेड का आर्डर 
एक्युरेसी 99.8 फीसदी फिर भी आयुध निर्माणी खमरिया को न देकर निजी क्षेत्र को दे दिया  हैंड ग्रेनेड का आर्डर 

टीबीआरएल  ने पूछा- हैंड ग्रेनेड की लाइफ कितनी? निजी फर्म बोली 15 साल
ओएफके ने कहा- मनगढ़ंत फिगर कैसे बताए, क्योंकि 2 साल में आता है रिजल्ट
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
आयुध निर्माणी खमरिया में एक ऐसा हैंड ग्रेनेड बना जिसकी एक्युरेसी 99.8 फीसदी तक जा पहुँची। बाद में रक्षा मंत्रालय के आधीन काम करने वाली संस्था टर्मिनल बेलेस्टिक रिसर्च लेबोरेट्री (टीबीआरएल) ने आर्डनेंस की लाइफ का ब्यौरा माँग लिया। महाराष्ट्र की निजी कंपनी ने जवाब दिया .. 15 साल, जबकि ओएफके का कहना रहा कि कम से कम दो साल की रिसर्च से ही किसी एम्युनेशन की उम्र का तकाजा लगाया जा सकता है, तत्काल नहीं। हैरानी की बात है कि निजी फर्म को 10 लाख मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड (एमएमएचजी) का आर्डर मिल गया जबकि ओएफके तर्क पर तर्क ही देती रह गई। 
वर्षों से हैंड ग्रेनेड में महारत रखने वाली आयुध निर्माणी खमरिया को रक्षा मंत्रालय की एक शर्त भारी पड़ रही है। डीआरडीओ की यूनिट टीबीआरएल की शर्त से मुसीबत यह है कि निर्माणी किसी निजी फर्म की तरह अपने आप कोई सर्टिफिकेशन जारी नहीं कर सकती क्योंकि इसकी जिम्मेदारी डायरेक्टोरेट जनरल क्वालिटी एश्युरेंस (डीजीक्यूए) की होती है। 
>अब तक सेना ऐसे ग्रेनेड का इस्तेमाल करती रही जिसके विस्फोट की टाइमिंग फिक्स नहीं थी। मतलब कभी 3 सेकेंड में जवान के हाथ में ही विस्फोट हो जाता तो कभी गिरने के बाद भी ग्रेनेड फटता नहीं। 
>आर्मी ने फिक्स 4 सेकेंड डिले का ग्रेनेड माँगा। डीआरडीओ ने रिसर्च की और ओएफके तथा निजी फर्म को निर्माण का ऑफर दिया। खमरिया ने 98.8 एक्युरेट टाइम हासिल किया, प्राइवेट कंपनी फेल साबित हुई। 
>हैरानी वाली बात यह है कि निजी कंपनी के सफल न होने पर उसे डिले एलिमेंट की तकनीकी छूट दी गई। मतलब, ग्रेनेड बनाइए, लेकिन 4 सेकेंड जैसे कोई बाध्यता नहीं रहेगी। बाद में कंपनी ने प्रोडक्शन शुरू कर दिया।  
मसला क्या है? 
भारतीय सेना के लिए मल्टी मोड ग्रेनेड का उत्पादन करने के लिए आयुध निर्माणी बोर्ड एवं महाराष्ट्र की निजी कंपनी को 10-10 लाख ग्रेनेड प्रोडक्शन का प्रस्ताव दिया गया। इसके बाद यह बताना जरूरी हो गया कि एम्युनेशन की लाइफ कितनी होगी। जानकारों का कहना है कि यह डीजीक्यूए के एक स्टैण्डर्ड मैथड से मुमकिन है। प्राइवेट सेक्टर ने गैर स्थापित विधि से 15 वर्ष की सेल्फ लाइफ डिटरमिनेशन टेस्ट किए जाने का दावा कर दिया। इसके साथ ही आर्डर भी हासिल कर लिया। 
हम लगातार प्रयास कर रहे हैं 
एमएमएचजी के बल्क ऑर्डर के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है हमें जल्द ऑर्डर मिलेंगे।
- अमित सिंह, ज्वाइंट जीएम, ओएफके

अन्याय हो रहा, बर्दाश्त नहीं करेंगे 
 ओएफके के साथ सरासर अन्याय किया जा रहा है। इस तरह का खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दिल्ली तक शिकायत पहुँचाई जा रही है। उम्मीद है कि डिफेंस मिनिस्टर इस पर जल्द ही कोई एक्शन लेंगे। 
-अरुण दुबे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आईएनडीडब्ल्यूएफ
 

Created On :   21 Aug 2020 1:46 PM IST

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