महिला प्रोफेसर के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर ने की अभद्रता -अपअमरकंंटक आदिवासी विश्वविद्यालय का मामला

Assistant Professor commits indecency with women professor - case of unofficial tribal university
महिला प्रोफेसर के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर ने की अभद्रता -अपअमरकंंटक आदिवासी विश्वविद्यालय का मामला
महिला प्रोफेसर के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर ने की अभद्रता -अपअमरकंंटक आदिवासी विश्वविद्यालय का मामला

डिजिटल डेस्क अनूपपुर । इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विवि में महिलाओं के प्रति दुव्र्र्यवहार थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहली बार अगस्त महीने में सुर्खियों में विवि तब आया जब बगैर विवि प्रबंधन के जानकारी के रक्षित निरीक्षक ेने कुछ छात्रों के साथ मारपीट की थी। इसके पीछे की वजह भी छात्राओं का आपसी विवाद था। दूसरी बार सहायक प्राध्यापक पर शोधार्थी छात्रा ने छेड़छाड़ किए जाने के आरोप लगाए और मामला पुलिस में पंजीबद्ध हुआ। नए मामले में महिला प्रोफेसर ने अपने ही विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर के विरूद्ध शिकायत की है जिसमें उन्होंने सहायक प्राध्यापक के द्वारा मर्यादाओं को लांघते हुए अश्लीलता व बदतमीजी का उल्लेख किया है। पुलिस महानिरीक्षक से की गई शिकायत के बाद अब इस मामले की जांच प्रारंभ कराई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ शोधार्थी छात्रा ने एक बार फिर एसडीओपी पुष्पराजगढ़ से शिकायत की है कि आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर  द्वारा उसे सामाजिक एवं मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। 
यह है मामला 
विवि में विभागाध्यक्ष के पद पर पदस्थ महिला प्रोफेसर ने अमरकंटक थाने से लेकर पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय तक लिखित शिकायत की थी कि 13 नवंबर को वह अपने विभाग में थी। तभी असिस्टेंट प्रोफेसर  आशुतोष कुमार सिंह ने कक्ष में प्रवेश किया। आकस्मिक अवकाश का प्रार्थना पत्र असिस्टेंट प्रोफेसर  के द्वारा दिया जा रहा था। जिसके जवाब में महिला  प्रोफेसर  ने कहा कि परीक्षा का समय चल रहा है और किसी भी तरह के अवकाश पर विवि प्रबंधन द्वारा रोक लगा दी है। जिसके बाद असिस्टेंट प्रोफेसर  ने अपना आपा खोते हुए महिला प्रोफेसर के साथ अभद्रता कर डाली। 
अश्लीलता के लगाए आरोप 
शिकायत में लिखा गया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर  के द्वारा हाथ को लहराकर मारपीट करने का प्रयास भी किया गया। वहीं लगातार घूरने, अश्लील भाषा का प्रयोग व गंदे इशारे भी किए। मेज पर हाथ पटकने के साथ ही महिला   प्रोफेसर के साथ मारपीट का प्रयास भी किया गया। असिस्टेंट प्रोफेसर  की हरकत से भयभीत होकर  महिला प्रोफेसर  ने वरिष्ठ  प्रोफेसर  तीर्थेश्वर के कक्ष की ओर भागी। जहां असिस्टेंट प्रोफेसर  ने उनका पीछा किया और गैलरी में खड़े होकर लगातार धमकियां भी दी। 
थाने पर उठ रहे सवाल 
अमरकंटक विवि थाना अमरकंटक के अंतर्गत आता है। विवि में घटने वाली घटनाओं की सूचना सबसे पहले  अमरकंटक थाने में ही  दी जाती है।  थाने पर विवि प्रबंधन के दबाव का आरोप भी लगता रहा है। 19 नवंबर को महिला प्रोफेसर  द्वारा थाने में शिकायत की गई थी। जब थाने से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो महिला  प्रोफेसर  ने वरिष्ठ कार्यालय को भी आवेदन लिखा। पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय द्वारा पूरे मामले की जांच और कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को निर्देशित किया है। इससे पूर्व भी कुलपति पर लगे भ्रष्टाचार के परिवाद के मामले में राजेन्द्रग्राम न्यायालय में तल्ख मेमोरण्डम पुलिस महानिरीक्षक के लिए लिखा था। शोधार्थी  छात्रा के प्रकरण में भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर  ही मामला पंजीबद्ध हो पाया था। 
दिखावा साबित हो रही कमेटी  
विवि परिसर में घटित होने वाली घटनाओं के बाद विवि प्रबंधन द्वारा जांच कमेटी का गठन कर दिया जाता है। पिछले  दो मामलों छात्रों के साथ मारपीट व शोधार्थी छात्रा के मामले  में भी जांच कमेटी गठित की गई थी। दोनों मामलों में जांच कमेटी से कोई राहत नहीं मिली और पीडि़तों को पुलिस के पास जाने से भी रोकने के आरोप लगे। इस प्रकरण में जिस बिल्डिंग में यह घटना घटित हुई वहां सीसी कैमरे भी मौजूद  नहीं हैं। महिला  प्रोफेसरों  की मांग के बावजूद कैमरे नहीं लगाए गए। 5 मार्च 2019 को घटित घटना के बाद महिला प्रोफेसरों द्वारा कैमरे लगवाए जाने को लेकर पत्राचार भी किया गया था। यह मामला भी जांच का विषय हो सकता है।  
फरार प्रोफेसर कर रहा परेशान  
मारपीट जैसी मामूली घटनाओं में कानून का डंडा लेकर पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने पहुंच जाती है। वहीं शोधाार्थी छात्रा के मामले में गंभीर आरोप व छेेड़छाड़ का मामला पंजीबद्ध होने के बाद भी पुलिस आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस की कार्यप्रणाली  भी शक के कटघरे में खड़ी हो रही है।  छेड़छाड़ के मामले में फरार चल रहे असिस्टेंट प्रोफेसर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है। पुलिस संतोष सोनकर को गिरफ्तार नहीं कर रही है। वहीं वह पीडि़त  छात्रा को लगातार परेशान कर रहा है। शोधार्थी पीडि़त छात्रा ने 28 नवंबर को अनुविभागीय पुलिस अधिकारी से शिकायत की है कि डा. संतोष कुमार सोनकर द्वारा उसे मानसिक व सामाजिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा  है। लगातार उसके ऊपर प्रकरण वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। 27  नवंबर को भी  उसके पास मोबाइल नंबर 9589149306 से किसी व्यक्ति ने फोन करते हुए रुपए लेकर प्रकरण वापस लेने का दबाव बनाया। विवि के कुछ प्रोफेसर भी छात्रा पर अनावश्यक रूप से दवाब डाल रहे हैं। 
इनका कहना है 
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से पूरे मामलेे की जांच कराई जा रही है। जांच के पश्चात कार्रवाई की जाएगी। 
श्रीमती किरण लता, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
 

Created On :   29 Nov 2019 8:49 AM GMT

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