ग्रामोद्योग से दूर होगा वाशिम जिले का पिछड़ापन - कोटस्थाने

‌Backwardness of Washim district will be away from village industries - Kotsthane
ग्रामोद्योग से दूर होगा वाशिम जिले का पिछड़ापन - कोटस्थाने
कार्यशाला ग्रामोद्योग से दूर होगा वाशिम जिले का पिछड़ापन - कोटस्थाने

डिजिटल डेस्क, कारंजा (लाड़)। आकांक्षित वाशिम जिले का पिछड़ापन ग्रामोद्योग से दूर हो पाएंगा । इसके लिए बड़े पैमाने पर लघु व मध्यम उद्योग निर्माण की आवश्यकता होने का प्रतिपादन महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिकीकरण संस्था के जनरल कौन्सिल सदस्य तथा प्रसिद्ध जल विशेषज्ञ माधव कोटस्थाने ने व्यक्त किया । स्थानीय विद्याभारती महाविद्यालय में सम्पन्न एकदिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए वे सम्बोधित कर रहे थे। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिकीकरण संस्था (एमगिरी) व खादी ग्रामोद्योग आयोग के संयुक्त तत्वावधान में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद शाखा कारंजा, पूर्व सैनिक बहुउद्देशीय संघ, स्वा. सै.श्री. क.रा. इन्नानी महाविद्यालय, ग्रिन्झा प्रोड्युसर कम्पनी के संयुक्त आयोजना से ली गई इस एकदिवसीय औद्योगिक जागरुकता कार्यशाला में प्रमुख अतिथि के रुप में जिला अग्रणी बैंक व्यवस्थापक दत्तात्रेय निनावकर, प्राचार्य डा. हलबे, कृषि विज्ञान केंद्र के फलाेत्पादन विशेषज्ञ निवृत्ती पाटिल, पूर्व सैनिक सुरेश गोडसे (सातारा), मंडी समिति सभापति शिवानंद हिंगणे, एमगिरी अधिकारी आदि उपस्थित थे । उदघाटन सत्र में कार्यक्रम समन्वयक सचिन कुलकर्णी ने प्रस्ताविक में कार्यक्रम का उद्देश कथन किया । व्यवस्थापक दत्तात्रय निनावकर ने उद्योग साक्षरता को लेकर जानकारी दी । फलोत्पादन विशेषज्ञ निवृत्ती पाटिल ने फल व कृषि उद्योग की संक्षिप्त जानकारी दी । कार्यक्रम अध्यक्ष कोटस्थाने ने अध्यक्षीय सम्बोधन में वाशिम जिले के उद्योग के लिए पानी की उपलब्धता को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए इसके लिए आगे का आव्हान किया । कार्यशाला के तकनीकी सत्र में बायोप्रोसेसिंग व वनऔषधि विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी डा. आदर्श कुमार अग्निहोत्री ने वनऔषधि, खाद्यपदार्थ और कृषि आधारित उद्योगाें पर तो डा. जयकिशोर छांगाणी ने गोठे पर आधारित पंचगव्य उद्योगाें,  वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी हनुमंथा गौडा सिनूर ने कपास से वस्त्रोद्योग, वरिष्ठ अधिकारी सचिन राऊत ने सौरऊर्जा आधारित उद्योग, प्रा. वैज्ञानिक अधिकारी विकास चौधरी ने ग्रामीण रसायन उद्योग, तुकाराम शेगोकर ने मिट्टी कार्य, टेराकोटा, मेटल क्राफ्ट पर मार्गदर्शन करते हुए बांबू पर आधारित उद्योग को लेकर भी सविस्तार जानकारी दी । खादी ग्रामोद्योग, विविध उद्योग व व्यवसाय की संपूर्ण जानकारी शशिकांत सरकंडे ने दी । पूर्व सैनिक सुरेश गोडसे (सातारा ) ने पर्व सैनिकांे की भूमिका को लेकर मार्गदर्शन किया । अंतिम सत्र में प्रश्नोत्तर के बाद चर्चा हुई । कार्यक्रम का सूत्रसंचालन प्रा. राजा गोरे ने किया तो आभार प्रदर्शन सेवानिवृत्त कैप्टन अतुल एकघरे ने व्यक्त किया । वाशिम जिले में ग्रामद्योग से रोज़गार उपलब्धता की चेन निर्माण करने को लेकर इस अवसर पर चर्चा की गई । जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान ब्रीद वाक्य पर आधारित वाशिम जिले का पिछड़ापन दूर करने के लिए जुझने को लेकर भी सहभागियों ने इच्छा व्यक्त की।

Created On :   14 Dec 2021 5:59 PM IST

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