स्वायत्त शासन विभाग की बैठक स्ट्रीट वेण्डर्स को योजनाओं का लाभ देने के लिए अभियान चलाएं

Campaign of autonomous government department to give benefit of schemes to street vendors
स्वायत्त शासन विभाग की बैठक स्ट्रीट वेण्डर्स को योजनाओं का लाभ देने के लिए अभियान चलाएं
स्वायत्त शासन विभाग की बैठक स्ट्रीट वेण्डर्स को योजनाओं का लाभ देने के लिए अभियान चलाएं

डिजिटल डेस्क, जयपुर। 11 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी बड़े शहरों और नगरपालिका क्षेत्रों में रेहड़ी-ठेला-पटरी आदि लगाने वाले तथा स्ट्रीट वेण्डर्स के रूप में गुजर-बसर करने वाले शहरी गरीबों को चिन्हित कर उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद गरीबों की मदद अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि उन्हें छोटी-छोटी राशि के लिए भटकना नहीं पड़े। श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्वायत्त शासन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न विकास परियोजनाओं एवं योजनाओं की समीक्षा बैठक को संबोधित रहे थे। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में स्ट्रीट वेण्डर्स को अपनी आजीविका के साधन को संचालित करने के लिए छोटी-छोटी राशि की जरूरत होती है। ऎसे में, इन वेण्डर्स को अभियान चलाकर प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना जैसी योजनाओं से लाभान्वित करें। योजना के तहत रेहड़ी-ठेला-पटरी आदि लगाने वाले वेण्डर्स को 10,000 रूपये तक का ऋण सस्ती ब्याज से उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्थानीय अधिकारी दीनदयाल अन्तोदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रदेश के सभी स्थानीय निकाय क्षेत्रों में स्ट्रीट वेण्डर्स को इस योजना का लाभ मिलना सुनिश्चित करें। इसकेे लिए लॉकडाउन तथा कोविड संक्रमण की परिस्थितियों के दौरान जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई स्ट्रीट वेण्डर्स सूचियों के आधार पर भी लाभार्थियों को चिन्हित कर उन्हें ऋण तथा ब्याज दर पर 7 प्रतिशत अनुदान का लाभ दिलाया जा सकता है। श्री गहलोत ने कहा कि स्थानीय नगर पालिका अथवा निगम स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत बाजारों में टॉयलेट आदि जन-सुविधाएं विकसित करने को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि खरीदारी करने के लिए आने वाली महिलाओं को इन सुविधाओं के अभाव में परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्होंने इन्दिरा रसोई योजना के तहत गरीबों को उपलब्ध भोजन की गुणवत्ता पर फोकस करने तथा इस योजना के कवरेज क्षेत्र के विस्तार की संभावनाएं तलाशने को कहा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न शहरी क्षेत्रों में सीवरेज के नालों और मैनहोल की सफाई के लिए सुपर सकर तथा जेटिंग मशीनें जल्द से जल्द खरीदने के निर्देश दिए। इस खरीद के लिए उन्होंने आवश्यकता होने पर स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के फण्ड से धनराशि की व्यवस्था करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के सभी नगरीय क्षेत्रों में यह सुनिश्चित किया जाए कि आदमी को सीवर लाइन या मैनहोल में सफाई के लिये नहीं उतरना पड़े। श्री गहलोत ने अधिकारियों को नगरीय क्षेत्रों में ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस क्षेत्र में ऎसे नवाचार पर काम करने को कहा कि राजस्थान एक मॉडल स्टेट के रूप में उभर सके। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश का एक शहर स्वच्छ हो जाए, तो दूसरे शहरों में प्रतियोगिता की भावना बढ़ेगी और सफाई का काम और बेहतर हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस काम स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा सकती है। मुख्यमंत्री ने उदयपुर, जयपुर, कोटा और अजमेर शहरों में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चल रहे कार्यों सहित विभिन्न नगरीय क्षेत्रों में अमृत मिशन के तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त होने से पर्यटन व्यवसाय को भी लाभ मिलेगा। बैठक में शहरी विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, प्रमुख सचिव स्वायत्त शासन श्री भवानी सिंह देथा, शासन सचिव वित्त श्री टी. रविकांत, परियोजना निदेशक आरयूआईडीपी श्री कुमार पाल गौतम, स्थानीय निकाय निदेशक श्री दीपक नंदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। संबंधित जिलों के कलेक्टर, स्मार्ट सिटी योजना अधिकारी तथा निगमों और नगरपालिकाओं के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े। -----

Created On :   12 Sept 2020 2:55 PM IST

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