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दो पूर्व सीएमओ सहित सिटी मैनेजर रहे पति-पत्नि पर मामला दर्ज - 41 रू. लाख के गबन का मामला
डिजिटल डेस्क अनूपपुर। यहां नगर पालिका परिषद अनूपपुर में हुए 41 रू. लाख के गबन के मामले में तत्कालीन सीएमओ कमला देवी कोल, आशीष शर्मा व सिटी मैनेजर के पद पर पदस्थ रहे अभिलाष त्रिपाठी व उनकी पत्नी श्रीमती आरती त्रिपाठी के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया है । इस संबंध में बताया गया है कि नगर पालिका परिषद अनूपपुर में भृष्टाचार की शिकायतें आम हो चली हैं। नपा अधिकारियों ने कार्यालय को भ्रष्टाचार का चारागाह बना लिया था। कलेक्टर अनूपपुर से लेकर लोकायुक्त रीवा तक भ्रष्टाचार की शिकायते भी हुई जिसके बाद 25 जून 2019 को अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल द्वारा कलेक्टर अनूपपुर के नाम पत्र लिखते हुए तत्कालीन सीएमओ कमला देवी कोल, आशीष शर्मा व सिटी मैनेजर के पद पर पदस्थ रहे अभिलाष त्रिपाठी व उनकी पत्नी श्रीमती आरती त्रिपाठी के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध कराने के निर्देश दिये गये थे। इस आदेश के 4 महीने बाद 16 नवम्बर की देर शाम चारों के विरूद्ध धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया गया। चारो अधिकारी-कर्मचारी अनूपपुर से स्थानांतरित हो चुके है।
41 लाख का गबन
पुलिस द्वारा की जा रही प्रारंभिक जाँच में अब तक 41 लाख 6 हजार 599 रूपए का गबन उजागर हुआ है। इन सभी ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए वित्तीय अनियमितताएं की है। जिसका खुलासा भी पुलिस ने कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस इस जाँच को आगेे भी बढ़ा रही है जिसमें भ्रष्टाचार का आंकड़ा एक करोड़ के पार जा सकता है। कोतवाली पुलिस द्वारा इस मामले के संबंध में कुछ भी कहने से बचा जा रहा है। वर्तमान में 41 लाख के गबन को ही आधार मानकर मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है।
चहेतों को रखा नौकरी पर
नगर परिषद के नियमों को दरकिनार रखते हुए मुख्य नगरपालिका अधिकारियों ने अपने चहेतो को नौकरी का लाभ दिया। जिसमें कमला देवी कोल पर सात कर्मचारियों अरविंद कुमार मिश्रा,सुभाष चोरे, सुचि श्रीवास्तव, गोकरण केवट, आशीष चौरसिया तथा बेबी राठौर को दैनिक वेतनभोगी के रूप में नियुक्त करते हुए चार लाख पैंतीस हजार चार सौ संतावन रूपयों का भुगतान किया गया। इसी तरह आशीष शर्मा ने भी चार कर्मचारियों तौसीफ अशरफ, गुलाब सिंह, भानू प्रताप, अनिल राठौर को नियुक्त करते हुए 5 लाख 94 हजार 61 रूपए का अनियमित भुगतान किया।
समूहो के नाम पर खेल
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में सिटी मैनेजर के पद पर पदस्थ रहे अभिलाष त्रिपाठी व उनकी पत्नि श्रीमती आरती त्रिपाठी द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण ऋण योजना 2018-19 में बैंको द्वारा 69 हितग्राहियों का प्रकरण स्वीकार किया गया। 11 हितग्राहियों के खाते में 4 लाख 95 हजार मार्जिन मनी के रूप में डाले गये। जिसमें नगर परियोजना अधिकारी के हस्ताक्षर भी है। शासन के निर्देशो के अनदेखी करते हुए 12 लाख 11 हजार 500 रूपए हितग्राहियों के खाते में जमा करते हुए उनसे वापस भी लिये गये। यह सिर्फ 2018-19 का प्रकरण है। इससे पूर्व के मामलो की जाँच होने पर आंकड़े और भी बढऩे की बात कहीं जा रही है।
जाँच समिति ने पकड़ी गड़बड़ी
नगर पालिका परिषद अनूपपुर के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार व लापरवाही के संबंध में बार-बार हो रही शिकायतो को देख नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने तीन सदस्यीय जाँँच दल का गठन किया था। जिसमें आर पी सिंह संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, मनोज पांडेय एसएमएम, एचआर संचालनालय तथा युवराज जैन, सहायक लेखा अधिकारी संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल शामिल थे। दो महीने तक चली जाँच के पश्चात अपर आयुक्त को जाँच प्रतिवेदन सौंपा गया था। 25 जून को प्रतिवेदन के आधार पर अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने के निर्देश भी जारी कर दिये गये थे।
चार पर दर्ज हुआ प्रकरण
सिटी मैनेजर के पद पर पदस्थ रहे अभिलाष त्रिपाठी की सेवा 14 अगस्त 2019 को समाप्त कर दी गई थी। वहीं उनकी पत्नी आरती त्रिपाठी ने 30 नवम्बर 2018 को नौकरी से त्याग पत्र दे दिया था। इसके अतिरिक्त सीएमओ रही कमला देवी कोल व आशीष शर्मा के विरूद्ध वर्तमान में पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी यशवंत वर्मा की शिकायत पर कोतवाली अनूपपुर में धारा 409,420,497,468, 471, 120(बी) के तहत् मामला पंजीबद्ध किया गया है।
इनका कहना है
दस्तावेजों की मूल प्रति प्राप्ति व साक्ष्य संकलन के पश्चात चार के विरूद्ध धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
श्रीमती किरणलता,पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
Created On :   18 Nov 2019 6:39 PM IST