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1961 की जंग में पकड़ाए चीनी सैनिक डियू शिव युंग की मौत, नहीं मिली भारतीय नागरिकता
डिजिटल डेस्क, कटंगी। भारत-चीन युद्ध (1962) में पकड़े गए चीनी सैनिक डियूशिव यूंग का 70 वर्ष का उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने अपनी सजा काटकर MP में बालाघाट के तिरोड़ी में रहकर बाकी की जिंदगी काटी। डियूशिव यूंग ने बुधवार की रात नागपुर के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। दिमागी बुखार से ग्रसित होने पर परिजनों ने उन्हें यहां इलाज के लिए भर्ती कराया था।
डियूशिव यूंग का एक सपना अधूरा ही रह गया है। वह अपने अंतिम दिनों तक भारत की नागरिकता ने लिए प्रशासनिक अधिकारियों से संघर्ष करते रहे, लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई। गौरतलब है कि एक अन्य चीनी सैनिक वांग ची अब भी तिरोड़ी में निवास कर रहे हैं। उन्होंने भी मरने से पहले एक बार अपने परिजनों से मिलने की इच्छा जताई थी, जिसके चलते विदेश मंत्रालय एवं जिला प्रशासन की मदद से वे कुछ ही दिन पहले चीन अपने परिजनों से मुलाकात कर लौटे हैं।
पूर्व चीनी सैनिक डियूशिव यूंग (हवलदार) को भारतीय सैनिकों ने 1961 में पकड़ा था, जिसके बाद उन्हें नाभा जेल एवं मिलिट्री छावनी में रखा गया और सजा समाप्त होने के बाद उन्हें तिरोड़ी लाकर छोड़ दिया गया। यहां वर्ष 1972 में उनका विवाह सेवन गुर्जर से हुआ। शादी के पहले तक सीआईडी के अधिकारी आकर उनसे मुलाकात करते थे एवं केन्द्र एवं राज्य शासन से मिलने वाली 50-50 रूप्ये की आर्थिक मदद करते थे। शादी के बाद उन्हें यह मदद मिलना बंद हो गई। इसकी शिकायत उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री से की थी। उन्हें कुछ समय तक मतदान का अधिकार भी प्राप्त था, लेकिन बाद में उनसे यह अधिकार भी छीन लिया गया। उन्होनें प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की लेकिन उन्हें अधिकार नहीं मिल पाये।
Created On :   1 Sept 2017 8:59 PM IST