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चिटफंड कंपनी ने लगाया करोड़ों का चूना, रैली निकालकर सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन
डिजिटल डेस्क बालाघाट। चिटफंड कंपनी द्वारा हजारों निवेशकों का करोंड़ों रूपये डकार जाने से जहां निवेशक अपना जमा धन पाने यहां वहां भटक रहे हैं वहीं इनके एजेंटों को भी निवेशकों की प्रताडऩा का शिकार होना पड़ रहा है । इसी समस्या को लेकर 22 दिसंगर को निवेशकों तथा एजेंटों ने शहर के अंबेडकर चौक से एक रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा । रैली नगर भ्रमण कर काली पुतली चौक पहुंची जहां सभा का आयोजन किया गया ।
जिले में लगभग एक दर्जन से ज्यादा चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेशकों का करोड़ो रूपये जमाधन मिल नहीं पाया है। हालांकि चिटफंड कंपनियों की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में अपराध पंजीबद्व किया है किन्तु कंपनियों संचालकों पर कार्यवाही और कंपनियों में जमाधन निवेशकों को नहीं मिलने से निवेशक एजेंटो को परेशान कर रहे है। जिससे एजेंट और निवेशक काफी परेशान है। अब एजेंटो ने निवेशकों को साथ लेकर कंपनियों से जल्द से जल्द पैसा दिलवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए जनाक्रोश रैली और महाआंदोलन का निर्णय लिया है। जिसे कांग्रेस ने समर्थन दिया है।
आज 22 दिसंबर को सर्वहित महाकल्याण वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वाधान में चिटफंड कंपनी के एजेंटो और निवेशको की जनाक्रोश रैली और महाआंदोलन में विभिन्न चिटफंड कंपनी के जिले भर के एजेंटों और निवेशकों के साथ ही आसपास के क्षेत्र भी लोग शामिल हुए।
कल कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में आयोजित प्रेसवार्ता में फाउंडेशन जिलाध्यक्ष महेश मांद्र ने कहा था कि जिले में संचालित दर्जनों चिटफंड कंपनी में जिले के सैकड़ो एजेंटो ने अपने हजारों निवेशकों के माध्यम से लाखो, करोड़ो रूपये जमा करवाया है। किन्तु कंपनी के बंद हो जाने के बाद से वह पैसा निवेशकों को वापस नहीं मिल सका है। जिससे निवेशक एजेंटो पर दबाव बना रहे है और एजेंट मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान है। इस मामले में शासन से लेकर सेबी और मंत्रियों से लेकर संत्री तक एजेंट निवेशकों की राशि कंपनियों से वापस लौटाने के लिए आवेदन और ज्ञापन दे चुके है किन्तु कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अपनी इसी बात को एकजुटता के साथ सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए 22 दिसंबर को कंपनी में निवेश करने वाले निवेशकों के साथ एजेंटों की जनाक्रोश रैली और महाआंदोलन किया जा रहा है। कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने कहा कि प्रदेश में संचालित चिटफंड की कंपनी के बंद होने से उनके संचालकों के पास जमा लाखो और करोड़ो रूपयों को लौटाने की जिम्मेदारी सरकार की है किन्तु इस मामले में सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है। सरकार चिटफंड कंपनियों के संचालकों पर सख्ती से कार्यवाही कर चिटफंड कंपनी में जमा निवेशकों का पैसा वापस दिलवायें। उन्होंने प्रदेश में चिटफंड कंपनी के नाम से एक बड़े आर्थिक घोटाला का भी आरोप सरकार पर लगाया है। उन्होंने कहा कि कंपनियों के संचालकों पर कार्यवाही नहीं कर सरकार उन्हें बचाने का काम कर रही है।
Created On :   22 Dec 2017 4:41 PM IST