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कागजों में अस्पताल का निर्माण, जमीन पर हो रहा मरीजों का इलाज
डिजिटल डेस्क,अनूपपुर। मरीजों का इलाज जमीन पर लेटाकर किया जा रहा है। ये आलम है अनूपपुर के जिला अस्पताल का। मौसमी बीमारियों के कारण मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है, लेकिन अस्पताल में बेड नहीं होने के चलते मरीजों को जमीन पर लेटाकर ही इलाज किया जा रहा है।
दरअसल वर्तमान में जिला चिकित्सालय में 140 बिस्तर होने की बात कही जा रही हैं,जिसमें बर्न यूनिट तथा एसएनसीयू सहित सामान्य वॉर्ड हैं। वास्तविक तौर पर देखा जाए तो बेड की संख्या काफी कम है। जिला चिकित्सालय में इन दिनों मलेरिया सहित अन्य बीमारियों तथा दुर्घटना में घायल मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रतिदिन लगभग 20 से ज्यादा मरीजों को यहां उपचार के लिए आ रहे हैं, ऐसे में कई बार बिस्तर उपलब्ध न होने के कारण उन्हें जमीन पर लेटाकर उपचार किया जा रहा है। जबकि जिला चिकित्सालय का 200 बिस्तरों में उन्नयन किया जा चुका है।
अधर में लटका प्रोजेक्ट
विभाग ने 1 अक्टूबर 2016 को 140 बिस्तरों के जिला चिकित्सालय भवन का उन्नयन करते हुए 200 बिस्तर उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे,लेकिन 10 महीने बाद भी अभी तक नए चिकित्सालय भवन निर्माण का कार्य अधर में अटका हुआ है। जिला चिकित्सालय परिसर से लगी खाली जमीन पर भवन निर्माण कराए जाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने दिए थे। इस पर क्रियान्वयन करते हुए परियोजना क्रियान्वयन इकाई अनूपपुर ने इसका डीपीआर विभाग को भेजा है ,लेकिन उसके बाद भी निर्माण संबंधी निविदा अभी तक नहीं हो पाई है। इस वजह से बिस्तर नसीब न होने पर मरीजों को जमीन पर ही लेटाकर उपचार करने की मजबूरी बनी हुई है।
सिविल सर्जन डॉ एस.आर. परस्ते का कहना है कि मौसमी बीमारियों के कारण मरीजों की संख्या ज्यादा होने से बेड उपलब्ध न होने पर जमीन पर लिटाकर उपचार किया जाता है। भवन निर्माण के लिए अभी तक कोई आदेश नहीं मिले हैं।
Created On :   14 Aug 2017 12:46 PM IST