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दैनिक भास्कर हिंदी: दिल्ली: संकट के दौर में कोरोना योद्धाओं ने लगाया रक्तदान शिविर

हाईलाइट
- कोरोना योद्धाओं ने रक्तदान शिविर लगाया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोनोवायरस से जूझ रहा है, महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी स्वास्थ्यकर्मी न केवल मानव जीवन को बचाने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, बल्कि जरूरतमंदों के लिए रक्तदान भी कर रहे हैं क्योंकि लॉकडाउन के दौरान रक्तदान किया जाना थम सा गया है।
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टर, नर्स और तकनीशियन रक्तदान शिविरों का आयोजन करते रहे हैं और देश में कोविड-19 के प्रकोप के बीच से कहीं अधिक बार रक्तदान कर रहे हैं। 31 मई (रविवार) को महामारी के दौरान यह 9वां रक्तदान शिविर होगा।
कुछ एनजीओ के साथ भागीदारी करते हुए डॉक्टरों द्वारा शिविर का आयोजन किया जाएगा। ऐसा ही एक संगठन है नेशनल मेडिकोस ऑर्गनाइजेशन जिसने दिल्ली में पिछले दो महीनों में रक्त-धरा अभियान के तहत 629 दान के साथ आठ रक्तदान शिविर आयोजित किए हैं।
सभी शिविर बड़े हॉल में पर्याप्त दूरी, हाथ की स्वच्छता और सैनिटाइजेशन उपायों के साथ आयोजित किए गए थे। स्वास्थ्यकर्मियों ने इन शिविरों में उचित पीपीई का उपयोग किया। इनमें से चार शिविर एम्स ब्लड बैंक के सहयोग से थे, जबकि एक-एक आरएमएल अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, हिंदू राव और स्वामी दयानंद अस्पताल के साथ था। एक अन्य एनजीओ सक्षम जिसने तकनीशियनों के साथ सहयोग किया, ने लॉकडाउन के दौरान कम से कम 17 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया है।
एम्स में सीनियर रेजिडेंट और रक्तदान अभियान के समन्वयक डॉ. अमित मालवीय ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, हमारा आगामी रक्तदान शिविर 31 मई को सशस्त्र बल रक्त आधान केंद्र (एएफटीसी) में सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक है। मैं पास में रहने वाले सभी स्वैच्छिक रक्तदाताओं से अपील करना चाहता हूं वे हमारे सेना के जवानों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए रक्तदान करने के लिए आए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी दाताओं को उचित मास्क पहनना चाहिए और दान के लिए शिविर या ब्लड बैंक का दौरा करते समय दूरीका पालन करना और हाथ की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल, महामारी के प्रबंधन के अलावा, कई आपातकालीन सर्जरी, कैंसर सर्जरी और सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की सर्जरी भी कर रहे हैं। इन सभी सर्जरी में खून चढ़ाने की जरूरत होती है। साथ ही थैलेसीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया, अन्य हेमेटोलॉजिकल बीमारियों, ब्लड कैंसर के रोगियों को नियमित रूप से खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है।
देश में महामारी के कारण रक्तदान को लेकर कई मिथक हैं। लोग सोचते हैं कि क्या उन्हें ब्लड बैंकों, रक्तदान शिविर लगाने से बचना चाहिए। इस बारे में, मालवीय ने कहा कि ब्लड बैंक और बल्ड डोनेशन सुविधाएं आमतौर पर अस्पताल के एक अलग ब्लॉक या विंग में स्थित होती हैं। ब्लड बैंक में काम करने वाले कर्मचारी और डॉक्टर कोरोना वार्ड में काम करने वालों में नहीं होते हैं।
एम्स में न्यूरोलॉजी में कंसल्टेंट डॉ. इला वर्सी ने आईएएनएस को बताया कि वह एम्स में ज्यादातर डॉक्टरों की तरह ही एक नियमित डोनर हैं। उन्होंने कहा कि हर दिन कम से कम 5 से 8 डॉक्टर स्वेच्छा से रक्तदान कर रहे हैं। एम्स में एक नर्सिग अधिकारी कनिष्क यादव ने आईएएनएस को बताया कि एम्स के नर्सिग अधिकारी नियमित रक्त दाता हैं और महामारी में भी ऐसा करना जारी है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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