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दमोह में कोरोना का सच - हालात भयावह, अभी अस्पताल में बेड कम पड़ रहे, आगे मरघट पर जगह कम पडऩे वाली है
दमोह के आरएमओ तथा कोविड प्रभारी डॉ. दिवाकर की फेस बुक पोस्ट से सामने आई हकीकत
डिजिटल डेस्क दमोह । यहां व्याप्त कोरोना की भयावहता को अपने फेस बुक वॉल पर डाली गईं दो पोस्ट के जरिए एक साल से कोविड केयर का प्रभार देख रहे जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. दिवाकर पटेल सामने लाए हैं। वे कोरोना से सतर्क रहने की अपील करते हुए लिखते हैं, -
--स्वयं को बचाएं और अपने परिजनों को भी बचाएं, नहीं तो अभी चिकित्सालय में मरीजों को भर्ती करने हेतु बेड कम पड़ रहे हैं, आगे मुक्तिधाम और कब्रिस्तान में जगह कम पडऩे वाली है।--
् पिछले साल कोविड केयर में अच्छी सेवाएं देने को लेकर सुर्खियों में रहे डॉ. दिवाकर सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहे हैं। बीच में विरोधाभास के चलते वे सोशल मीडिया से दूर हो गए थे। सोमवार को वे फिर सोशल मीडिया पर सक्रिय हुए और कोरोना के मौजूदा हालातों तथा व्यवस्थाओं को लेकर दो पोस्ट डालीं। उन्होंने अपनी पोस्ट की शुरुआत भी इन्हीं शब्दों के साथ की कि, " बहुत दिन से शांत था सोचा अब फेसबुक पर कोई पोस्ट नहीं करूंगा पर अब लगता है मुझे भी लिखना चाहिए।
दमोह जिला अस्पताल में स्थिति गंभीर
डॉ. दिवाकर ने अपनी दूसरी पोस्ट में जिला अस्पताल की गंभीर स्थिति का वर्णन करते हुए लिखा, "कोविड पॉजिटिव 85 मरीज जो जिला चिकित्सालय में है, उनमें से 45 को ऑक्सीजन लगी है। इनमें से 30 अति गंभीर हैं। 3 वेंटीलेटर, 2 मिनि वेंटीलेटर वाइपेप और 5 हाईफ्लूनोजल पर हंै। शेष आईसीयू में बेड खाली होने के इंतजार में एचडीयू वार्ड में उपचार ले रहे हैं। इसके अलावा 20 मरीज सस्पेक्टेड वार्ड में हैं, वो भी अति गंभीर हैं। जिनकी रिपोट्र्स आना शेष है। जिले के अधिकतर निजी चिकित्सालय भी लगभग फुल हैं। ये स्थिति पिछले 7 दिनों में निर्मित हुई है। आगे होगा, ये हमारे हाथ में हैं। इसलिए घर पर रहें, मास्क लगाए सुरक्षित रहें। वे चेताते हुए लिखते हैं,
- -रेमडेसिविर इंजेक्शन भी आपकी जान नहीं बचा पाएगा, इसलिए वैक्सीन मिलने तक मास्क को ही वैक्सीन मानकर उपयोग करें।
सभी जिलों में हाल बेहाल
डॉ. दिवाकर लिखते हैं, परिस्थितियां पूरे देश की सही नहीं, जिससे हमारा जिला भी अछूता नहीं है। पिछले एक वर्ष से इस कोरोना महामारी के विरुद्ध जंग जारी है, पर पिछले एक सप्ताह में जो हालात बने हैं वह बहुत भयावह हैं। सभी जिलों के हाल बेहाल हैं। कहीं भी मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं है। गंभीर मरीजों को शासकीय चिकित्सालय भर्ती नहीं कर रहा है और छोटे जिले जहां इतने व्यवस्थित निजी चिकित्सालय नहीं है, जहां इन गंभीर मरीजों को रखने की व्यवस्था नहीं है। एक मात्र शासकीय चिकित्सालय ही है जहां उन्हें रखा जा रहा, पर वहां भी चिकित्सकीय स्टाफ की कमी के कारण कहां तक कार्य संभव हो पाएगा। वे लिखते हैं कि अब हमे मिलकर ही निर्धारित करना है कि "हमें घर पर सुरक्षित रहना है या बॉडी कवर में पैक होकर मुक्तिधाम या कब्रिस्तान जाना है।
जेडी भी बोले, स्थिति गंभीर है
इस मामले में पहले सीएमएचओ डॉ. संगीता त्रिवेदी और फिर कलेक्टर तरूण राठी से बात करनी चाही लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। आखिर बात हुई सुयक्त संचालक स्वास्थ्य (सागर) डॉ. वीरेंद्र यादव से। उन्होंने भी स्वीकारा कि, दमोह में स्थिति गंभीर है। संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। मरीज भी गंभीर पहुंच रहे हैं। स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए तैयारी चल रही हैं। अभी नर्सेस और आयुष डॉक्टर्स की ड्यूटी बढ़ाई गई हैं। कोविड केयर सेंटर्स भी शुरू किए जा रहे हैं। तीन निजी अस्पतालों को सीसीसी बनाने निर्देश दिए गए हैं। कुछ बिल्डिंग भी हायर करने वाले हैं। ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने काम चल रहा है। दमोह के दो वेंटिलेटर सागर पहुंच चुके हैं, जिन्हें जल्द दमोह पहुंचाया जा रहा है।
Created On :   13 April 2021 3:10 PM IST