सांसारिक जीवन त्याग संयम के रास्ते चल पड़ी बेटी और बहू 

Daughter and daughter-in-law walk the path of worldly sacrifice
सांसारिक जीवन त्याग संयम के रास्ते चल पड़ी बेटी और बहू 
सांसारिक जीवन त्याग संयम के रास्ते चल पड़ी बेटी और बहू 

मुमुक्षु रत्ना कंचनदेवी कोचर एवं कु. क्षमा बोथरा 22 फरवरी को ग्रहण करेगी जैन दीक्षा  
डिजिटल डेस्क बालाघाट ।
सांसरिक जीवन को त्याग कर बालाघाट शहर की बेटी और बहू संयम के रास्ते चल पड़ी हैं। परिवार के साथ ही मोह,माया छोड़कर बहू एवं बेटी जैन दीक्षा ग्रहण करेगी। जानकारी के अनुसार जैन दीक्षा ये ऐसी दीक्षा हैं जिसके हर पल कठिन तपों से भरे रहते हैं। जानकारी के अनुसार मुमुक्षु रत्ना कंचनदेवी कोचर एवं क्षमा बोथरा की दीक्षा आगामी 22 फरवरी को संपन्न कराई जाएगी।  इस भव्य भागवती प्रवज्या मुहुर्त की उद्घोषणा जिन महाराज सागर सूरीश्वर चरणरज जिन पीयूष सागर सूरि द्वारा 21 नवम्बर शनिवार को सिवनी में की गई हैं।
महाराज श्री से की विनती 
जानकारी के अनुसार आचार्यश्री से विनती करने बालाघाट के बोथरा परिवार महावीर कॉलोनी निवासी मुमुक्षुरत्ना कु.क्षमा बोथरा धर्मनिष्ठा बसंतीदेवी स्व. चिरंजीलाल बोथरा, निर्मल बोथरा, भारतीदेवी बोथरा, संगीता बोथरा, दीपक बोथरा, आरती सुराना एवं कोचर परिवार से मुमुक्षुरत्ना श्रीमती कंचनदेवी स्व.सुरेश कोचर, मोती कोचर, श्रीमती संतु शाह, श्रीमती कांता कोचर ने सिवनी पहुंचे और विनती की जिसे आचार्यश्री ने सहज स्वीकार कर मुहुर्त की उद्घोषणा की।
चातुर्मास से मिली वैराग्य की प्रेरणा 
सांसरिक जीवन त्याग संयम के रास्ते चल पड़ी 23 वर्षीय कु. क्षमा को वैराग्य मार्ग की प्रेरणा जिनशिशु प्रज्ञाश्री के 2017 के चातुर्मास से मिली और सारा समय श्री जैन श्वेतांबर मंदिर में ही साध्वीजी के साथ व्यतीत हुआ वहीं उनके सानिध्य में वे जहां-जहां विहार करती क्षमा साथ रहती। वर्ष 2018 के भोपा के कोहेफिजा में चातुर्मास, 2019 के दुर्ग छत्तीसगढ़ के चातुर्मास के उपरांत उनके साथ 2500 किमी का लंबा विहार किया जिसमें शिखरजी, झारखंड गिरिडीह मधुबनी वहां से विहार यात्रा में पंचतीर्थि, राजगिरी, चंपापुरी, रिजुबालिका, पावापुरी तक पैदल विहार किया तथा वहां से अगले क्रम में जिनशिशु प्रज्ञाश्री के साथ आगे बढ़ते हुए बनारस पहुंची एवं कोविड-19 के दो माह वहीं बिताए और जैन तत्व का ज्ञात अर्जित किया वहीं गुरूजनों के विहार को देखते हुए उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उन्हें संयुक्त अनुमति विहार हेतु प्रदान की गई जहां कोशम्बी से जबलपुर आना हुआ और वर्तमान में वर्धमान तपोराधिका जिनशिशु म.सा. का जबलपुर के दादाबाड़ी में चातुर्मास जारी हंै। उल्लेखनीय है कि कु. क्षमा निर्मल बोथरा की पुत्री एवं श्रेणिक तथा अशोक बोथरा की भतीजी हैं।
 

Created On :   23 Nov 2020 11:44 AM GMT

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