अत्याचार के खिलाफ कई सामाजिक संगठनों का धिक्कार आंदोलन

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कारंजा (लाड़) अत्याचार के खिलाफ कई सामाजिक संगठनों का धिक्कार आंदोलन

डिजिटल डेस्क, कारंजा (लाड़). देश में कानून व्यवस्था को सारेगम तोड़ा जा रहा है । सामान्य जनता पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही है । इसे गंभीरता से लेते हुए विविध सामाजिक संगठनों की ओर से सोमवार 12 सितम्बर को स्थानीय तहसील कार्यालय के समक्ष सुबह 11 बजे धिक्कार आंदोलन किया गया । उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव संपूर्ण देश में उत्साह के साथ मनाया गया । उसी दिन पानी की मटकी को हात लगाए जाने पर एक बेकसुर 9 वर्षीय बालक इंद्रकुमार मेघवाल की निर्मम हत्या कर दी गई । केवल अनुसूचित जाति से होने के कारण इस प्रकार अमृत महोत्सव के अवसर पर जिन लोगों ने बिलकीस बानो पर बलात्कार कर उसकी 3 वर्षीय बच्ची, उसकी मां और परिवार के अन्य 7 सदस्यों की हत्या कर दी, उन दरिंदों को आज़ाद कर दिया गया क्योंकि बिलकिस बानो अल्पसंख्यक है ।

इसी प्रकार सुनीता खाका को 8 साल तक घर में कैद कर उस पर जुल्म किया गया । उसे सीमा पात्रा द्वारा अप्राकृतिक सज़ा दी गई क्योंकि सुनीता खाका अनुसूचित जनजाति की है । भारतीय संविधा के अनुच्छेद 21 के अनुसार नागरिकों के जीवन की सुरक्षा करना सरकार की ज़िम्मेदारी है और इस ज़िम्मेदारी को सरकार ईमानदारी से नही निभा रही है । इन घटनाओं के निषेधार्थ सै. अहेमद कबीर दर्गाह ट्रस्ट के अध्यक्ष हाजी मो. युसुफ पुंजानी, पूर्व नगराध्यक्ष दत्तराज डहाके, समाज क्रांति आघाड़ी के हंसराज शेंडे, बिरसा क्रांतिदल के राजेश मस्के, गजानन अमदाबादकर आदि के साथ  सामाजिक समता प्रबोधन मंच, गोर सेना, लहुजी शक्ति सेना, संभाजी ब्रिगेड, अखिल भारतीय गोपाल समाज विकास परिषद, भारतीय बंजारा समाज कर्मचारी सेवा संगठन, विदर्भ बुरुड समाज संगठन, ओबीसी कर्मचारी संगठन, माली कर्मचारी सेवा मंडल, घुमंतू विमुक्त जनजाति फेडरेशन आफ इंडिया, भारतीय ओबीसी संगठन, बुध्दिष्ट विचार संघ, वाल्मिक-मेहतर समाज संगठन, भोई समाज फेडरेशन (म.रा.), मराठा सेवा संघ, जीजाउ ब्रिगेड, नाभिक समाज संगठन, कुंभार समाज संगठन (म.रा.), अण्णाभाऊ साठे संगठन, महाराष्ट्र बहुजन पत्रकार संघ शाखा कारंजा आदि सामाजिक संगठनों की ओर से धिक्कार आंदोलन का आयोजन किया गया ।

बाद में देश की महामहिम राष्ट्रपति को तहसीलदार कारंजा के माध्यम से ज्ञापन भेजकर बिलकीस बानो मामले के अत्याचारी, हत्यारों को पूरी सज़ा देने, इंद्रकुमार मेघवाल के हत्यारे को फांसी की सज़ा तो सुनीता खाका पर अमानवीय अत्याचार करनेवाली सिमा पात्रा को आजीवन उम्रकैद, महंगाई पर निर्बंध, एससी, एसटी, ओबीसी, मायनारिटी पर होनेवाले अन्याय-अत्याचार पर अंकुश लगाकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने की मांग भी की गई ।  इस अवसर पर सभी समाजिक संगठन के पदाधिकारी, कारंजा नप पदाधिकारी, पार्षद समेत नागरिक और महिलाएं बड़ी तादाद में उपस्थित थी ।

 

Created On :   13 Sep 2022 1:34 PM GMT

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