प्रमाण-पत्र बनवाने भटक रहे दिव्यांग, नहीं मिलते चिकित्सक

Divyang are in trouble for making the certificate, doctors were absent
प्रमाण-पत्र बनवाने भटक रहे दिव्यांग, नहीं मिलते चिकित्सक
प्रमाण-पत्र बनवाने भटक रहे दिव्यांग, नहीं मिलते चिकित्सक

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। दिव्यांगजनों को शासकीय दिव्यांग प्रमाण-पत्र प्रदाय करने के लिए जिला चिकित्सालय अनूपपुर में महीने के पहले और तीसरे बुधवार को    मेडिकल बोर्ड की बैठक में परीक्षण कर पीडि़त दिव्यांग को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाने की व्यवस्था कागजी तौर पर की गई है, जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है। चिकित्सालय में चिकित्सकों की अनुपलब्धता के कारण दिव्यांगों को परेशान होना पड़ता है। बुधवार 20 दिसंबर को भी 2 दर्जन से ज्यादा दिव्यांग चिकित्सकों के चक्कर में घंटों भटकते रहे। वहीं सिविल सर्जन डा. एसआर परस्ते से शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पाया इससे पूर्व अक्टूबर महीने में जिले के प्रभारी मंत्री संजय सतेन्द्र पाठक ने इस व्यवस्था को दुरूस्त करते हुए दिव्यांगजनों की सुविधाओं का ध्यान देने की बात कही थी। 2 महीने बीत जाने के बाद भी चिकित्सालय पुराने ढर्रे में ही चल रहा है।
भटकते रहे दिव्यांग
20 दिसंबर को महीने का तीसरा बुधवार होने के कारण जिले भर से मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए जिला चिकित्सालय में आए हुए थे। जिला चिकित्सालय में दोपहर 12.30 बजे तक  मेडिकल बोर्ड के महज 2 ही चिकित्सक मौजूद थे, जबकि बोर्ड के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर के बाद ही दिव्यांग प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। दिव्यांगों को न तो सूचना दी जा रही थी और न ही उनके बैठने की कोई  समुचित व्यवस्था की गई थी।
5 चिकित्सक बोर्ड में
मेडिकल बोर्ड में सिविल सर्जन डा. एसआर परस्ते समेत डा. एनके अग्रवाल, डा. केबी प्रजापति, डा. जनक सारीवान तथा डा. एसआरपी द्विवेदी शामिल हैं। बुधवार को चिकित्सालय में सिर्फ डा. जनक सारीवान व सिविल सर्जन ही उपस्थित रहे। डा. एनके अग्रवाल समय पूर्व ही आवेदनों में हस्ताक्षर कर लौट गए थे। वहीं डा. केबी प्रजापति की एक दिन पूर्व अपाताकालीन ड्यूटी लगाए जाने के कारण वे 2 बजे के बाद ही चिकित्सालय में आने की  बात कही।
ये रहे परेशान
मानसिक व शारीरिक रूप से अक्षम रंगाबती अगरिया बुधवार की सुबह 9 बजे से ही जिला चिकित्सालय आ गई थी। जिसे संभालने में परिजनों को  दिक्कते हो रही थी। वहीं रिंकू बेलदार वेंकटर से, अमीन खान अमलाई, रामसरोवर पटेल बम्हनी, चेतराम, बबलू यादव आमाडांड से आए हुए वे दिव्यांग थे जो हफ्तो से अपने प्रमाण-पत्र के लिए भटक रहे थे। बुधवार को भी चिकित्सक नहीं होने के कारण ये एक बार फिर परेशान रहे।
प्रभारी मंत्री के निर्देश भी रहे बेअसर
16 अक्टूबर को प्रभारी मंत्री संजय पाठक ने जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करते हुए सिविल सर्जन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिव्यांगों के लिए बैठक व्यवस्था बनाने तथा एक ही कक्ष में चिकित्सकों के द्वारा बैठकर दिव्यांग स्वास्थ्य परीक्षण व प्रमाण पत्र वितरित किए जाने संबंधी निर्देश दिए गए थे लेकिन प्रभारी मंत्री के जाते ही चिकित्सालय प्रबंधन उनके निर्देशों को भी भूल गया।
इनका कहना है
व्यवस्थाए बनाई जा रही हैं दूर से आने वाले दिव्यांगों को उनके घर तक  भेजने की व्यवस्था कराई जाएगी।
डा. एसआर परस्ते, सिविल सर्जन चिकित्सालय

 

Created On :   21 Dec 2017 11:33 AM GMT

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