खबर का असर - 4 मासूम बच्चों की लाचारी - वनग्राम कुकड़ा पहुंची प्रशासनिक टीम, समाजसेवियों ने भी की  मदद

Effect of news - helplessness of 4 innocent children - administrative team reached Onegram
खबर का असर - 4 मासूम बच्चों की लाचारी - वनग्राम कुकड़ा पहुंची प्रशासनिक टीम, समाजसेवियों ने भी की  मदद
खबर का असर - 4 मासूम बच्चों की लाचारी - वनग्राम कुकड़ा पहुंची प्रशासनिक टीम, समाजसेवियों ने भी की  मदद

डिजिटल डेस्क परसवाड़ा,बालाघाट। परसवाड़ा अंतर्गत वन ग्राम कुकड़ा में चार मासूम बच्चों की बेबसी की खबर का असर यह हुआ कि मंगलवार को प्रशासन ने त्वरित एक्शन लेते हुए प्रशासनिक तौर पर विभागीय अधिकारियों की टीम को मौके पर भेजकर इन मासूम बच्चो के तन ढकने के लिए उन्हें कपड़ा एवं खाद्यान्न का का इंतजाम करते हुए आर्थिक मदद पहुंचाई हैं। यहां जनपद पंचायत परसवाड़ा की टीम ने इन बच्चो को जहां वस्त्र प्रदान किए वहीं खाद्यान्न सामग्री भी दी गई। 
रेडक्रास से 10 हजार की मदद
इधर कलेक्टर दीपक आर्य ने परसवाड़ा विकासखंड के वनग्राम कुकडा के बैगा जनजाति के व्यक्ति इंदलसिंह को रेडक्रास की ओर से 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की हंै। महिला सशक्तिकरण अधिकारी सुश्री वंदना धूमकेती को निर्देशित किया गया है कि वे इंदलसिंह को 10 हजार रुपये की राशि शीघ्र उपलब्ध करायें और उसके चारों बच्चों के रहने एवं पालन पोषण की उचित व्यवस्था करायें।  
तो कराई जाएगी आवास की व्यवस्था 
इसी प्रकार जनपद पंचायत परसवाडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है कि वे कुकड़ा के इंदलसिंह के लिए आवास की व्यवस्था करायें। कलेक्टर द्वारा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों को भी निर्देशित किया गया है कि वे इंदलसिंह को बेहतर उपचार दिलायें, जिससे वह जल्द ठीक हो सके। 
अस्पताल में भर्ती पिता ही हैं मासूमों का एकमात्र सहारा 
इन चार बच्चो में सबसे बड़ा बसंत टेकाम 7 वर्ष का हैं दूसरा मंगलू 5 वर्ष का तथा बहन रजनी 4 वर्ष की हैं तो सबसे छोटे बच्चे की उम्र महज 1 माह हैं, जिसका नाम संतलाल हैं। संतलाल को जन्म देते ही मां का देहांत हो गया था। उधर पिता इंद्रजीत जो की बच्चों का एक मात्र सहारा था उनके गुजर बसर के लिये लकड़ी लाने जंगल गया, जहां रीछ के हमले से बचने के लिये वह कोशिश करते वक्त एक दुर्घटना का शिकार हो गया। जिसमें उसकी दोनो टांगे टूट गई है, जिसका जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है, ऐसे में इन मासूमो को उनकी बड़ी माता ने सहारा दिया हैं। अस्पताल में भर्ती बच्चो के पिता का कहना है कि ठीक होने के बाद वे अपने बच्चो की खुद ही परवरिश करेगें।  

Created On :   23 Jun 2020 1:46 PM GMT

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