आखिरकार पुणे का चांदर गांव हुआ रौशन, सालों बाद पहुंची बिजली

Electricity has finally come in Chandar village after long waiting
आखिरकार पुणे का चांदर गांव हुआ रौशन, सालों बाद पहुंची बिजली
आखिरकार पुणे का चांदर गांव हुआ रौशन, सालों बाद पहुंची बिजली

डिजिटल डेस्क, पुणे। सह्याद्रि पर्वत पर बसे वेल्हा तहसील के अति दुर्गम चांदर गांव में कई सालों के इंतजार के बाद बिजली पहुंची। पूरा गांव रौशन हुआ। महावितरण ने सात दिनों में 65 बिजली के खंबे और ट्रांसफार्मर लगाकर दो बस्तियों को रौशन कर दिया। बता दें कि चांदर वहीं गांव है, जहां महज एक छात्र को पढ़ाने के लिए शिक्षक रजनीकांत मेंढे दो से तीन घंटे का सफर तय कर आते हैं। मीडिया ने जब इस खबर को उठाया, तब जाकर चांदर गांव चर्चा में आया।

उसके बाद महावितरण को भी यहां बिजली पहुंचाने के लिए कदम उठाने पड़े। हालांकि गांव में बिजली आपूर्ति करना आसान काम नहीं था। महावितरण के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी बिजली के खंबे और बाकी साजो-सामान को ऊपर पहुंचना। विभाग के 60 कर्मचारियों ने दिन-रात काम करके इस चुनौती को बखूबी पूरा किया। चांदर गांव को रौशन करने पर करीब 20 लाख रुपए खर्च आया है। महावितरण ने स्कूल के लिए भी नया बिजली कनेक्शन दिया है। 

ऐसा है चांदर गांव 
चांदर गांव पुणे और रायगढ़ जिले की सीमा से सटे सह्याद्री की दो घनी पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है, यहां कुल 18 घर हैं। जबकि आसपास की पहाड़ियों पर अन्य 26 झोपड़ियां हैं। पुणे से 90 किमी दूर इस गांव तक पहुंचने में 4 से 5 घंटे लगते हैं। इस इलाके में कोई सड़क नहीं है, लिहाजा एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। बारिश के मौसम में 5-6 महीने तक इस गांव का संपर्क बाकी जगहों से टूट जाता है। 

Created On :   8 May 2018 12:51 PM GMT

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