आदमखोर बाघिन को कैद करने लगाए गए पांच पिंजरे

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कारंजा घाडगे आदमखोर बाघिन को कैद करने लगाए गए पांच पिंजरे

डिजिटल डेस्क, कारंजा घाडगे. राज्य का सबसे छोटा व्याघ्र प्रकल्प ऐसी बोर व्याघ्र प्रकल्प की पहचान है। प्रकल्प में रानी नामक बाघिन की शावक आदमखोर बन गई है। जिसने तहसील के जंगल परिसर से सटे गांव में घूम रही है। इसके कारण उसे पिंजरे में कैद करने के आदेश वन विभाग ने दिए है। इसके लिए 12 टीमें तैनात कर 5 पिंजरे लगाए गए हैं। तहसील में इस आदमखोर बाघिन ने तहसील में कई जानवरों को अपना शिकार बनाया है। उसे ट्रैप करने के लिए 45 कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन वह तीन कैमरे में कैद हुई है। बाघिन वनविभाग को चकमा दे रही है। लिहाजा पांच पिंजरे में पशुओं को बांधकर रखा गया है। बाघिन पिंजरे में आने का वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं। बाघिन को कैद करने के लिए बोर व्याघ्र प्रकल्प की तीन व प्रादेशिक वन विभाग की नौ टीमें युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है।

पशुओं का शिकार कर लौटी जंगल में 

बाघिन ने तहसील के बांगडापुर गांव में कई पशुओं का शिकार किया है, लेकिन उसका मांस पूर्ण नहीं खाने के कारण बाघिन पुन: परिसर में आने की आशंका थी। इसके कारण परिसर पर वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारी नजर बनाए हुए थे। साथ ही परिसर में कैमरे लगाए गए थे, लेकिन बाघिन वापस एक बार ही आई थी। उस समय वह कैमरे में कैद हुई थी। उसके बाद वापस नहीं लौटी। वह कहां है? इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को नहीं है। वह तहसील के घने जंगल में जाने की बात कही जा रही है। उसे पिंजरे में कैद करने का वनविभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है। 

बाघिन को कैद करने के लिए ट्रेनगुलेशन किया जानेवाला है। इसके लिए पांच व्यक्तियों की टीम बनाई गई है। उनके पास दो गन हैं। बाघिन के लोकेशन की जगह ऊंचा मचान बनाया गया है। वहीं से ट्रेनगुलेशन किया जानेवाला है।

ट्रैप, ड्रोन कैमरे से पांचोंं पिंजरों पर नजर 

जंगल परिसर में बाघिन को कैद करने के लिए जाल बिछाया गया है। उसके साथ ही अन्य परिसर पर 45 ट्रैप व ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है। पांच पिंजरे लगाए गए हैं। यहां के तीन कैमरे में वह कैद हुई है। प्रादेशिक वन विभाग व बोर व्याघ्र प्रकल्प की टीमें उसका लोकेशन ले रहे हैं। कुछ जगहों पर उसके कदमों के निशान मिले हैं।

ग्रामीणों की मिलेगी मदद

बाघिन को पिंजरे में कैद करने के लिए वन विभाग की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। दिन-रात उसकी हलचलों पर नजर रखी जा रही हैं। अधिकारी व कर्मचारी गांव में जाकर एहतियात बरतने की सूचना की जा रही है। ग्रामीणों के सहयोग करने पर उसे पिंजरे में कैद करना आसान होगा। मानव-वन्यजीव संघर्ष टालने के उद्देश्य से नागरिकों को सूचना का पालन करना चाहिए। यह आह्वान वन विभाग की ओर से किया जा रहा है।

Created On :   10 Oct 2022 2:21 PM GMT

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