गर्भवती हुई 11 साल की बच्ची की मेडिकल जांच 24 घंटे में फिर से कराओ - हाईकोर्ट का निर्देश

Get medical examination of 11-year-old girl pregnant again in 24 hours - High Court directive
गर्भवती हुई 11 साल की बच्ची की मेडिकल जांच 24 घंटे में फिर से कराओ - हाईकोर्ट का निर्देश
गर्भवती हुई 11 साल की बच्ची की मेडिकल जांच 24 घंटे में फिर से कराओ - हाईकोर्ट का निर्देश

डिजिटल डेस्क  जबलपुर । चाचा द्वारा किए गए दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई 11 साल की बच्ची के 7 माह का गर्भपात कराने उसकी माँ की याचिका पर हाईकोर्ट में गुरुवार को नया मोड़ आ गया। दो दिन पूर्व दिए निर्देश पर बच्ची का मेडिकल परीक्षण हुआ और उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची का गर्भपात नहीं कराया जा सकता। जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मेडिकल कॉलेज की तीन स्त्री रोग विशेषज्ञों से बच्ची की नए सिरे से जांच कराकर 24 घंटों में रिपोर्ट पेश करने कहा है। साथ ही एक मनोरोग चिकित्सक से भी बच्ची का परीक्षण कराकर उसके शारीरिक और मानसिक स्थिति का पता लगाने के भी निर्देश दिए हैं। मामले पर शुक्रवार को फिर से सुनवाई होगी।
बच्ची और छोटे बेटे को देवर के पास छोड़ा था
गौरतलब है कि निवाड़ी जिले में रहने वाली महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वो और उसके पति अप्रैल माह की शुरूआत में काम के लिए बानमौर चले गये थे। चूँकि उसकी 11 साल की बच्ची कक्षा पाँचवी में पढ़ती थी। उसकी पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए याचिकाकर्ता ने अपनी बच्ची और छोटे बेटे को अपने देवर के पास छोड़ दिया। सितम्बर माह के अंत में जब महिला अपने पति के साथ  वापस अपने गांव लौटी तो उसे बच्ची बेटी का पेट उभरा हुआ लगा। पूछताछ करने पर बच्ची ने पूरा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि चाचा उसके साथ गलत काम करता था और किसी को बताने पर छोटे भाई को जान से मारने की धमकी भी देता था। इसके बाद महिला ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। याचिका में कहा गया है कि बेटी का गर्भपात की अनुमति पाने उसने टीकमगढ़ की जिला न्यायालय में आवेदन दायर किया। जिला न्यायालय ने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर की रिपोर्ट का अवलोकन कर कहा था कि बच्ची के गर्भ में 28 से 30 सप्ताह का गर्भ है। चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971 के प्रावधानों के मददेनजर जिला अदालत ने महिला का  आवेदन खारिज कर दिया। इस पर महिला ने हाईकोर्ट में गुहार लगाते हुए बच्ची का गर्भपात कराने की इजाजत मांगी है। बीते मंगलवार को हाईकोर्ट ने बच्ची की मेडिकल जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ डॉक्टरो की कमेटी गठित करके रिपोर्ट पेश करने कहा था। गुरुवार को मामले पर आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता महिला की ओर से अधिवक्ता कबीर पॉल और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अभय पाण्डेय ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के बजाए बच्ची की जांच निवाड़ी में स्त्री रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, आरएमओ और सिविल सर्जन द्वारा की गई है। इस रिपोर्ट पर नाखुशी जताते हुए अदालत ने बच्ची का मेडिकल कॉलेज में नए सिरे से परीक्षण कराने के आदेश दिए।
 

Created On :   18 Oct 2019 8:37 AM GMT

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