हाईकोर्ट: फास्टैग नहीं होने पर नकद में दोगुना टोल टैक्स वसूली को चुनौती

High Court: Challenge of toll tax collection doubled in cash if fastag is not done
हाईकोर्ट: फास्टैग नहीं होने पर नकद में दोगुना टोल टैक्स वसूली को चुनौती
हाईकोर्ट: फास्टैग नहीं होने पर नकद में दोगुना टोल टैक्स वसूली को चुनौती



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बैंच ने फास्टैग नहीं होने पर दोगुना टोल टैक्स वसूली को चुनौती देने वाली याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है। डिवीजन बैंच ने केन्द्रीय सड़क व परिवहन और विधि व न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 7 मई को नियत की गई है।
यह है मामला-
यह याचिका पचमढ़ी रोड पिपरिया निवासी बस ऑपरेटर प्रवेश मिश्रा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि केन्द्रीय सड़क व परिवहन मंत्रालय ने वर्ष 2008 में नियम बनाया था कि टोल टैक्स का भुगतान तीन तरीके यानी नकद, स्मार्ट कार्ड और फास्टैग के जरिए किया जा सकता है। इसके बावजूद 15 फरवरी 2021 से टोल टैक्स की सभी लेन फास्टैग कर दी गई हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति टोल टैक्स का नकद में भुगतान करता है तो उससे दोगुना टोल टैक्स लिया जा रहा है। याचिका में माँग की गई है कि टोल टैक्स नाकों पर नकद भुगतान करने वालों के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए।
नहीं की जा सकती टोल टैक्स की वसूली-
अधिवक्ता संजय वर्मा, श्रद्धा तिवारी और मीना वर्मा ने तर्क दिया कि मध्य प्रदेश कराधान अधिनियम 1991 में प्रॉवधान किया गया है कि किसी भी वाहन मालिक या चालक से रोड टैक्स के अलावा अन्य किसी भी प्रकार के टैक्स की वसूली नहीं की जा सकती है। ऐसे में टोल टैक्स की वसूली करना अवैधानिक है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
 

 

Created On :   8 April 2021 3:58 PM GMT

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