बालाघाट में गरीबों का राशन चुराने वालों पर नकेल, 50 लाख का माल हुआ जप्त

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बालाघाट में गरीबों का राशन चुराने वालों पर नकेल, 50 लाख का माल हुआ जप्त

बालाघाट । जिले की पहचान देश प्रदेश में राइस सिटी के नाम से हैं यह वहीं जिला हैं जहां के किसान अपने खेतों में धान की फसल पैदा करते है जिससे पूरे प्रदेश की चावल की जरूरते पूरी होती है। किसानों के धान को सरकार खरीद कर अनुबंध के आधार पर स्थानीय मिलर्सों से मिलिंग कराती है, जिसके बाद यहीं अनाज सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये आम लोगों की थाली तक पहुंचता हैं, लेकिन जिले में कुछ ऐसे गिरोह भी सक्रिय है जो कि सरकार द्वारा गरीबो  को दिया जाने वाला यह अनाज कालाबजारी कर पुन: इन राइस मिलों के जरिये सरकारी गोदामो तक पहुंचा देते हैं मलतब रि-साईकल के जरिये वही ंंअनाज कई बार सरकार को बेंचा जाता हैं और गरीब की थाली खाली की खाली रह जाती हैं। इसी तरह के एक मामले के सामने आने के बाद जब यहां के प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की तो देखते ही देखते एक हफ्ते में 50 लाख रूपये का गरीब की थाली का राशन अलग-अलग ठिकानों से बरामद हो गया।
कलेक्टर एस.पी. को मिली पहली सूचना के बाद शुरू हुआ कार्रवाई का सिलसिला...
जिले में चावल की तस्करी के मामलों में पहली कार्रवाई एक सप्ताह पहले जिला मुख्यालय से सटे कोसमी में हुई थी, जिसमें कलेक्टर दीपक आर्य और एस.पी. अभिषेक तिवारी ने सरकारी राशन की अफरा-तफरी की सूचना के बाद खुद मौके पर जा कर रेड़ की थी। जिसके बाद जिले भर के एस.डी.एम. और अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया था कि इस तरह के मामले जुटाकर जांच और कार्रवाई की जाये, जिसके बाद जिले भर में 20 से अधिक मामलों में 50 लाख का सरकारी राशन बरामद हुआ। 
क्या घर, क्या राशन दुकान, क्या राइस मिले, सभी जगह बरामद हो रहा सरकारी चावल... 
प्रशासनिक कार्रवाई का सिलसिला एक बार शुरू होने के बाद पुलिस और प्रशासन को एक के बाद एक सूचना मिली। पहली कार्रवाई गरीबो से सरकारी राशन खरीदने वाले एक गांव के कुचिये के यहां हुई, जिसके बाद कुछ छोटी किराना दुकानें इस के बाद दो राईस मिले और फिर एक काम को सीधे समितियों या नागरिक आपूर्ति निगम से सांठगांठ कर बड़े पैमाने पर करने वाले प्रशासन के हत्थे चढ़े। बालाघाट में हुई इस कार्रवाई से सरकारी राशन की अफरा-तफरी करने वालों में हडकंप मचा हुआ है। 
पूर्व पार्षद के आवास में मिले 2 ट्रक चावल मामले की जांच जारी...
अब तक हुई कार्रवाई में चावल की सबसे बड़ी खेप भाजपा के एक पूर्व पार्षद के आवसीय परिसर से बरामद की गई। सुधीर मलेवार नामक उक्त व्यक्ति जो की नागरिक आपूर्ति निगम का परिवहनकर्ता भी है के द्वारा यह चावल अनाधिकृत रूप से नॉन के गोदाम से निकलने के बाद अपने घर में खड़ा किया गया था। जिसकी सूचना के बाद जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी श्री चौधरी तथा तहसीदार रामबाबू देवांगन और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर दो ट्रक में परसपानी और रजेगांव सोसायटी जाने वाला 240 क्विंटल चांवल जिसका मूल्य लगभग 25 लाख रूपये बताया जा रहा है, जप्त हुआ है। इस सबंध में खाद्य एवं आपूर्ति अधिकार एसएच चौधरी ने बताया की इस मामले की जांच की जा रही है। हालाकि प्रथम दृष्टया ही सरकारी गोदाम से निकले चावल का बिना सूचना के परिवहनकर्ता के घर में पाया जाना नियमविरूद्ध है तथा कार्रवाई की दायरे में आता है।
इनका कहना है...
जिले में गरीबों के राशन की अफरा-तफरी के जो भी मामले सामने आ रहें हैं। उन सब में हम एफ.आई.आर. कर रहे है। संक्रमण के इस दौर में जब लोगो तक रसद पहुंचाना सबसे बड़ी जरूरत है ऐसे में खाद्यान्न की अफरा-तफरी के किसी भी मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी, जिसके लिये सभी थानों को भी निर्देशित किया गया है। 
अभिषेक तिवारी
एस.पी. बालाघाट. 
कोसमी में पुलिस टीम एक अवैध शराब के मामले में जांच करने गई थी जहां बड़े पैमाने पर राशन रखा होने पर जांच की गयी, जिसमें यह राशन सरकारी योजना में गरीबो को बाटा जाने वाला पाया गया। जिसके बाद सभी एस.डी.एम. और पुलिस तथा खाद्य विभाग की संयुक्त टीम बनाकर अभियान के रूप में इन मामलों की जांच शुरू की गई। जिसमें जिले में अब तक लगभग 50 लाख रूपये मूल्य का सरकारी राशन जप्त किया जा चुका है जिसे खाद्यन्न बैंक को दिया गया है। इस तरह के और भी मामले सामने आते है तो कालबाजारी करने वालो पर हम रासुका जैसी कठोर कार्रवाही भी करेगे।
दीपक आर्य,
कलेक्टर, बालाघाट.
 

Created On :   24 April 2020 2:03 PM GMT

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