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मासूम ने कहा पुलिस अंकल जांच के लिए मांग रहे थे रुपए, नहीं देने पर पिता ने लगा ली फांसी
डिजिटल डेस्क अनूपपुर। देशभक्ति और जन सेवा वाले पुलिस महकमें पर अवैध धंधो को संरक्षण देने, अपराधियों पर कार्रवाई नहींं करने के आरोप लगते ही रहे हैं। इन सबसे अलग 11 दिसंबर को कोतवाली अनूपपुर अंतर्गत पसला ग्राम में घटित हुई घटना ने खाकी को मानवीयता के कटघरे में खड़ा कर दिया है। जहां पति-पत्नी के बीच हुआ आपसी विवाद कोतवाली तक पहुंचा। जांच के नाम पर प्रधान आरक्षक ने रिश्वत की मांग की। 11 दिसंबर की सुबह एक बार फिर पुलिसिया रौब में प्रधान आरक्षक रिश्वत लेने पहुंचा। जहां गरीब आदिवासी ने धान बेचकर 300 रुपए की रिश्वत भी देनी चाही। 10 हजार रुपयों की मांग पर अड़े प्रधान आरक्षक ने जेल भेज देने की धमकी दी। जिसके बाद रुपयों के इंतजाम की बात कहकर निकला बिसाहूलाल घर से 200 मीटर की दूरी पर स्थित आम के पेड़़ में फांसी लगा ली। पूरे घटना का साक्षी रहा मृतक का 14 वर्षीय बेेटे ने रिश्वत मांगने की बात को उजागर किया। वहीं ग्रामीणों के विरोध के कारण शव को नीचे उतारने के लिए पुलिस को चार घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। वहीं मामले के उजागर होने के बाद और लिखित शिकायत के बाद प्रधान आरक्षक श्याम शुक्ला को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है।
यह है मामला -
कोतवाली अनूपपुर अंतर्गत जिला मुख्यालय से महज 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पसला में निवास करने वाले बिसाहूलाल सिंह उम्र 36 वर्ष का उसकी पत्नी गुड्डी बाई उम्र 33 वर्ष से 4 दिसंबर को विवाद हुआ था। पत्नी ने कोतवाली में शिकायत की। पुलिस ने पति पत्नी का झगड़ा समझ पुलिस की कार्रवाई हेतु अहस्तक्षेप करार देते हुए धारा 155 के तहत न्यायालय जाने की समझाईश देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। शिकायत के बाद वह अपने मायके पोड़ी चली गई। वहीं कोतवाली पुलिस ने इस मामले में भी रिश्वत की संभावना देखते हुए बिसाहूलाल को जांच के नाम पर बयान व कार्रवाई के लिए कहने लगे। मामले को निपटाने के लिए बिसाहूलाल सिंह से 10 हजार रुपयों की मांग भी की गई।
धान बेचकर लाया 300 रुपए
धारा 155 के तहत नोटिस काट देने के बाद भी गुड्डी बाई की शिकायत को आधार बताते हुए प्रधान आरक्षक श्याम शुक्ला ने जांच की बात कह दो बार पसला गांव पहुंचा। जांच के नाम पर 6 दिसंबर को पहली बार और 11 दिसंबर को, दूसरी बार रुपए लेने के लिए बिसाहू लाल के घर गया। 11 दिसंबर की सुबह लगभग 10 बजे बिसाहू लाल से रुपयों की मांग की गई। बिसाहू लाल पास में रुपए नहीं होने के बाद घर से धान लेकर गया और उसे बेचकर 300 रुपए लाया। जो उसने प्रधान आरक्षक को देने की कोशिश की लेकिन प्रधान आरक्षक ने रुपए फेंकते हुए 10 हजार रुपयों की मांग की। रुपए नहीं देने पर जेेल भेज देने की धमकी भी दी गई। जिसके बाद एक बार फिर रुपए की व्यवस्था करनेे के नाम पर बिसाहूलाल घर से बाहर निकल गया।
खबर सुनते ही भागा प्रधान आरक्षक
जिस वक्त यह पूरा वाक्या घटित हो रहा था उस दौरान बिसाहूू लाल सिंह का 14 वर्षीय पुत्र शिवम सिंह घर पर ही मौजूद था। बिसाहूलाल के घर से बाहर निकलने के बाद 20 मिनट तक प्रधान आरक्षक श्याम शुक्ला घर पर ही बिसाहूलाल का इंतजार कर रहा था। इसी बीच गांव में शोर हुआ कि बिसाहू ने फंासी लगा ली। बेटा शिवम दौड़कर देखने भी गया। पिता को फांसी के फंदे पर झूलता देख उसने वापस भागकर पुलिसकर्मी श्याम शुक्ला को इसकी सूचना दी। फांसी लगाने की खबर सुनते ही प्रधान आरक्षक मौके से भाग खड़़ा हुआ। जबकि शिवम ने सूचना देने व तत्काल ही अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रधान आरक्षक से मदद मांगी थी। दिनभर प्रधान आरक्षक का कोई भी सुराग नहीं मिला। मोबाइल बंद रहा।
मासूम ने बया की दास्तान
मृतक के 14 वर्षीय पुत्र शिवम सिंंह ने प्रधान आरक्षक की सारी करतूत को खुलकर बतलाया। कैसे उसके पिता धान बेचकर 300 रुपए लाए और शिवम के हाथ से ही प्रधान आरक्षक को रुपए दिलवाने की कोशिश की। रुपए फेंकने और पुलिसिया घुडकी को भी शिवम ने बतलाया। साथ ही जेल भेजने की बात से भयभीत बिसाहूलाल ने शिवम को घर पर रूकने और गांव से रुपए लाने की बात भी कही। 10 हजार रुपए की रिश्वत व जेेल जाने के डर से बिसाहू लाल ने फांसी लगा ली।
ग्रामीणों ने किया विरोध
बिसाहू लाल की आत्महत्या के पीछे पुलिसकर्मी द्वारा मांगी गई रिश्वत की जानकारी लगते ही ग्रामीणों ने घटना स्थल पुलिस को विरोध प्रारंभ कर दिया। मौके पर कोतमा एसडीओपी एसएन प्रसाद, प्रशिक्षु डीएसपी प्रिया सिंह, कोतवाली प्रभारी प्रफुल्ल राय समेत पुलिस बल पहुंचा। ग्रामीणों ने शव नीचे उतारने का विरोध किया। वहीं पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग भी करने लगे। चार घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद पुलिस ने लिखित आवेदन पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर मृतक का शव नीचे उतारा जा सका।
नाखून कटाकर शहादत
रिश्वत की मंाग पर दो बेटों के पिता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। हंगामा हुआ तो फौरी तौर पर प्रधान आरक्षक को निलंबित करते हुए जांच का आश्वासन दिया गया। कोतवाली अनूपपुर में मारपीट के मामले पर 155 कायम करने व इसके बाद के घटनाक्रम की जांच की बात और थाने के वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की बात अब तक नहीं की गई ।
इनका कहना है
प्रारंभिक जांच के आधार पर तथा परिजनों की शिकायत पर प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के पश्चात दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
श्रीमती किरणलता,
पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
Created On :   11 Dec 2019 9:22 PM IST