देवरी तहसील में नाडेप कम्पोस्ट की टंकी के निर्माण कार्य में अनियमितता

Irregularities in the construction work of Nadep compost tank in Deori tehsil
देवरी तहसील में नाडेप कम्पोस्ट की टंकी के निर्माण कार्य में अनियमितता
शासन को करोड़ों की चपत देवरी तहसील में नाडेप कम्पोस्ट की टंकी के निर्माण कार्य में अनियमितता

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. गांव-गांव में कूड़े का सही प्रबंधन हो तथा रासायनिक खाद पर निर्भरता कम करने के साथ ही किसान की आय भी बढ़े, इसके लिए सरकार द्वारा मनरेगा अंतर्गत गांव-गांव नाडेप कम्पोस्ट टंकी बनाने का कार्य शुरू हैं। लेकिन जिले के आदिवासी बहुल देवरी तहसील में मनरेगा के अंतर्गत बन रहे नाडेप कम्पोस्ट टंकी न सिर्फ घटिया दर्जे के है बल्कि इसके निर्माण में नियमों तक को ताक पर रख दिया गया है। विदित हो कि गत वर्ष देवरी तहसील के फुक्कीमेटा, देवाटोला, वडेगांव, मुल्ला तथा ओवारा ग्राम पंचायत में मनरेगा के अंतर्गत 1 हजार से अधिक नाडेप कम्पोस्ट खाद टंकी का निर्माण किया गया है और अभी परसोडी, नकटी, केशोरी, कन्हाळगांव, पलानगांव, शेरपार आदि गांवों में हजारों नाडेप कम्पोस्ट खाद टंकी का निर्माण शुरू हैं। लेकिन निर्माण की गुणवत्ता निम्न स्तर की और तय मानकों के अनुरूप न होने से उक्त परियोजना में भारी भ्रष्टाचार का मामला नजर आ रहा है। इस संबंध में जांच पड़ताल करने के बाद जो जानकारी प्राप्त हुई है, उससे पता चलता है कि करोड़ों रुपए के इस घोटाले में संबंधित ग्रामों के ग्रामसेवकों, सरपंचों सहित मनरेगा के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है और संगठित रूप से इस घोटाले द्वारा सरकार को करोड़ों रुपए की चोट दी गई है।

ऊपर तक जुड़े हैं तार

तहसील के दुर्गम और आदिवासी बहुल नकटी, परसोड़ी, पिपरखारी जैसे अनेक ग्राम पंचायतों में टंकी निर्माण के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। निर्माण में भ्रष्टाचार और भारी अनियमितता की शिकायतों के बावजूद संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा अनदेखी व अभी तक इस पर किसी किस्म की जांच-पड़ताल अथवा कार्रवाई नहीं करने की वजह से प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी योजना अंतर्गत पहले 5 ग्राम पंचायतों में बने नाडेप कम्पोस्ट खाद टंकी निर्माण में भारी गड़बड़ी और निम्न स्तर की गुणवत्ता की शिकायतों के बावजूद बगैर किसी जांच पड़ताल अथवा कार्रवाई के निर्माण सामग्री, मजदूरी आदि का भुगतान कर दिया गया तथा बाकी की ग्राम पंचायतों में नियमों तथा मानकों को नजरंदाज कर धड़ल्ले से घटिया दर्जे की टंकियों का निर्माण शुरू हैं। जिसके चलते इस घोटाले के तार ऊपर तक पहुंचने का अंदाजा है। संपूर्ण तहसील में चर्चा का विषय बने इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कर दोषियों को सजा देने की मांग क्षेत्र के नागरिकों द्वारा की जा रही है। 

क्या है नाडेप कम्पोस्ट खाद

नाडेप कंपोस्ट गोबर से बनी जैविक खाद हैं। इसे बनाने की यह विधि ग्राम पुसर, जिला यवतमाल, महाराष्ट्र के नारायण देवराव पंढरी पांडे द्वारा विकसित की गई है। नाडेप कंपोस्ट बनाने की प्रक्रिया में जमीन में एक टंकी बनाई जाती है। जिसमें गोबर, जैविक कचरा और मिट्टी की प्रक्रिया द्वारा जैविक खाद का निर्माण किया जाता है। इस विधि में कम से कम गोबर का उपयोग कर अधिक मात्रा में अच्छी खाद तैयार की जा सकती है। देश के कई राज्यों की सरकार द्वारा किसानों को महंगी और प्रकृति के लिए नुकसानदायक रासायनिक खाद की बजाय जैविक खाद के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनरेगा अंतर्गत नाडेप कम्पोस्ट खाद टंकी बनाई जाती है। 

अधिकारियों की टीम जल्द लेगी जायजा

मनरेगा योजना के अंतर्गत देवरी तहसील में बन रहे नाडेप कम्पोस्ट टंकी के निर्माण की जांच के लिए जिले से मनरेगा के अधिकारियों की टीम जल्द ही दौरा करेगी।

- गौतम साखरे, उपकार्यक्रम अधिकारी, मनरेगा
 

 

Created On :   14 March 2022 8:21 PM IST

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