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सूरत में कपड़ा मिलों की तालाबंदी ने मिटाई इंदौर के बाजार की रौनक
डिजिटल डेस्क, इंदौर. जीएसटी को लेकर सूरत में चल रहे विरोध का असर बाजार पर पड़ रहा है। इंदौर में व्यापारी आंदोलन का असर राखी के बाजार पर पड़ने से परेशान हैं। कपड़ा व्यापारियों के माथे पर सबसे ज्यादा चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं, क्योंकि इंदौर समेत प्रदेशभर में कपड़े की आपूर्ति सूरत से होती है। इसमें साड़ियां और ड्रेस मटेरियल पर खासा असर देखा जा रहा है।
होलसेल साड़ी कारोबारी और क्लॉथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन के अरुण बाकलीवाल का कहना है कि सूरत बंद होने से दुकानदारों के पास न तो नया माल आया है न ही नया पैटर्न के कपड़े। जीसएटी लागू होने के चलते व्यापारियों ने माल नहीं खरीदा। व्यापारी अब दुकानों रखे पुराने सटॉक पर ही धंधा करने पर मजबूर हैं।
सूरत में दो जून से आंदोलन
जीएसटी लागू करने के विरोध में देशभर में आंदोलन किया जा रहा है। सूरत में दो जून से ही आंदोलन और बंद है। आंदोलन के चलते मंडी और मिलों में काम ठप पड़ा है। पिछले दिनों लाठीचार्ज के बाद सूरत की मिलों और मंडी ने 18 जुलाई तक बंद रखने की बात कही है। नतीजा देशभर में सूरत से होने वाली कपड़ों की सप्लाय रुक गई है। मध्यप्रदेश समेत सूरत पर निर्भर बाजारों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है।
कपड़ा कारोबारी गोविंद राठी ने बताया कि इसका सबसे ज्यादा असर कस्बों और छोटे शहरों के रिटेलर्स पर पड़ा है। हर साल इस मौसम में साड़ी और महिला परिधानों की बाजारों में बिक्री शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार बाजार में रौनक नहीं है।
Created On :   7 July 2017 10:51 AM IST