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सूचना न देना पड़ा कलेक्टर को महंगा, 12500 रूपये का लगा जुर्माना
डिजिटल डेस्क बालाघाट। सूचना के अधिकार के तहत अपीलकर्ता को जानकारी देने में हीलाहवाली करने पर तत्कालीन कलेक्टर नवनीत मोहन कोठारी पर मप्र राज्य सूचना आयोग ने 12500 रु बतौर हर्जाना देने के आदेश दिए हैं । यह मामला साल 2010 का है जब एक द्वितीय अपील के अपीलकर्ता को मांगने पर भी जानकारी देने में हद दर्जे की हीलाहवाली की गई परिणामस्वरूप आयोग ने क्षतिपूर्ति के 12500 रु दिए जाने का आदेश पारित किया है। गौरतलब हो कि अपीलकर्ता अशोक मोटवानी ने साल 2010 में एक द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग के समक्ष प्रस्तुत की थी, जिसका फैसला 6 साल 7 महीने के बाद आया था। यह अपील उस आवेदन के परिप्रेक्ष्य में दायर की गई थी जिसके माध्यम से आवेदक ने कार्यालय कलेक्टर से जानकारी चाही थी। जिसके अंतिम सुनवाई आदेश में माननीय आयोग ने आवेदक को चाही गई जानकारी नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाने के साथ साथ जानकारी देने में जानबूझकर की गई हीला हवाली का दोषी मानते हुए तत्कालीन कलेक्टर और प्रथम अपीलीय अधिकारी नवनीत मोहन कोठारी पर 25 हजार रु की शास्ति आरोपित की थी जो उन्हें स्वयं के आय से जमा करानी होगी।
अपील में आवेदक ने इतने लंबे समय तक मानसिक और आर्थिक परेशानी उठाई थी, जिसकी क्षतिपूर्ति 15 हजार रुपये दिलाने की मांग की गई थी। जिसे स्वीकार करते हुए माननीय आयोग ने अपने आदेश दिनांक 14 सितंबर 2017 से अधिनियम की धारा 19 (8) (ख) के तहत वर्तमान कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) बालाघाट को आदेशित किया है कि वे अपीलकर्ता को क्षतिपूर्ति राशि 12500 रु का भुगतान करे।गौरतलब है कि नवनीत मोहन कोठारी बालाघाट में कलेक्टर के रूप में 2009 से 2011 तक पदस्थ रहे हैं वर्तमान में नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री के पास नई दिल्ली में ओएसडी के रूप में पदस्थ है । इस दौरान कई आवेदकों व्दारा इस बात की शिकायत की गई थी कि उन्हें समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है ।
Created On :   6 Oct 2017 4:52 PM IST