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वाहनों के ट्रांसफर में ओटीपी सिस्टम बना मुसीबत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीओ में नए ओटीपी सिस्टम के तहत वाहनों की खरीद-बिक्री में दिक्कतें आ रही हैं। महीनों तक गाड़ियों की ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। इसका मुख्य कारण 80 प्रतिशत वाहन धारकों ने मोबाइल नंबर गलत डाल रखे हैं, जिससे जनरेट होनेवाला ओटीपी इसी नंबर पर जा रहा है, जिससे बाधा उत्पन्न हो रही है। इससे नंबर अपडेट करने में भी मुश्किलें आ रही हैं।
ओटीपी का सत्यापन जरूरी
वर्तमान समय में पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री काफी बढ़ गई है। एक ओनर से गाड़ी खरीदने वाला उसे अपने फोन नंबर पर कर लेता है, जिसके बाद गाड़ी से संबंधित किसी भी मामले में दूसरा ओनर जिम्मेदार रहता है। लेकिन इन दिनों पुराने वाहनों के ट्रांसफर में परेशानी हो रही है। हाल ही में सरकार ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके अंतर्गत पुरानी गाड़ी की खरीदारी के दौरान गाड़ी के पहले ओनर के मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाता है, जिसके बताने के बाद ही गाड़ी के ट्रांसफर की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। यह मोबाइल नंबर बदल जाने से ओटीपी का सत्यापन नहीं हो पा रहा है।
सूत्रों की मानें तो पहले फोन नंबर की कोई खास अहमियत नहीं होती थी, जिसके कारण गाड़ी मालिक अपने मनमुताबिक कोई भी नंबर इसमे डाल देते थे। अब नए नियम के बाद यह नंबर दिक्कतें पैदा कर रही हैं। गाड़ी दूसरे मालिक के नाम पर करने की प्रक्रिया के दौरान इस पुराने नंबर पर जाने वाला ओटीपी किसी को नहीं मिल रहा है। इससे बचने के लिए पहले डाले गए नंबर को बदला जा सकता है, लेकिन यह नंबर आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी है। कई वाहन धारकों के नंबर लिंक नहीं हैं। किसी का लिंक है भी, तो सिस्टम उसे स्वीकार नहीं कर रहा है, जिसके कारण महीनों तक गाड़ी ट्रांसफर नहीं हो पा रही है।
वाहनों के ट्रांसफर में कोई दिक्कत नहीं है
विनोद जाधव, उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी के मुताबिक ओटीपी का नया सिस्टम लागू हुआ है, लेकिन इससे गाड़ियों के ट्रांसफर की कोई दिक्कत नहीं है। शहर आरटीओ में ट्रांसफर की कोई गाड़ी प्रलंबित नहीं है।
Created On :   17 Aug 2021 7:20 PM IST