घर जाने दफ्तरों के चक्कर लगा रहे लोग -अनुमति नहीं मिलने से हुए मायूस

People going round the offices going home - Disappointed because of not getting permission
घर जाने दफ्तरों के चक्कर लगा रहे लोग -अनुमति नहीं मिलने से हुए मायूस
घर जाने दफ्तरों के चक्कर लगा रहे लोग -अनुमति नहीं मिलने से हुए मायूस

डिजिटल डेस्क  बालाघाट। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉक डाउन होने से घर से दूर फंसे लोग, किसी भी तरह घर पहुंचाना चाहते है, जिसके चलते कोई पैदल तो कोई अन्य साधनों से घर पहुंचने का प्रयास कर रहा है, लोगों के घर पहुंचने की इस आपाधापी में रोजाना ही दर्जनों लोग अपने सामान के साथ सड़को पर दिखाई दे रहे है, लोग घर पहुंचने की मशक्कत में पैदल ही मिलों का सफर तय कर रहे है। जिसमें क्या बच्चे, क्या बुढ़े, क्या जवान सभी उम्र ओर सभी वर्ग के लोग शामिल है। जिसको लेकर शासन और प्रशासन भी अचंभित है। बनिस्मत यह हालत पूरे देश में है, कुछ ऐसी ही स्थिति बालाघाट जिले की भी है, यहां से पलायन कर बाहर गये मजदूर वापस लौट रहे है, यही नहीं बल्कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र से जिला मुख्यालय और जिले से बाहर गये विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में घर लौट रहे है। जिन्हें घर पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रशासन पर आन पड़ी है हालांकि तीन दिनों से जिला प्रशासन बाहर से आये मजदूर और विद्यार्थियों को बसों के माध्यम से उनके घर तक पहुंचा रहा है, सोमवार को भी यह सिलसिला जारी रहा।
सोमवार को काफी संख्या में जिले के विभिन्न क्षेत्र में निवासरत लोग नगरपालिका पहुंचे। जहां सभी लोगों का नाम और पता नोट कर उनके प्राथमिकी चिकित्सीय उपचार के बाद उन्हें बसों के माध्यम से पहुंचाया गया। ऐसे ही निजी ट्रेव्हलर्स की एक बस सिवनी, लखनादौन और अन्य राज्यों के मजदूरों को लेकर प्रशासनिक अनुमति के साथ सिवनी गई थी, लेकिन वहां सिवनी पुलिस द्वारा बस चालक के साथ किये गये डंडे व्यवहार के कारण अब बस चालक भी नाराज है। मिली जानकारी अनुसार सोमवार को बस चालक जमील, प्रशासनिक अनुमति के साथ बस को लेकर सिवनी गया था। जिस बस में सिवनी और लखनादौन सहित अन्य राज्यों के कुछ मजदूर थे, जिन्हें सिवनी के कचहरी के पास छोड़कर चालक को बस लेकर वापस बालाघाट आना था। जैसे ही बस सिवनी कचहरी मैदान के पास पहुंची और बस से लोगों को उतरने लगी, इस दौरान चालक के बताये अनुसार एक महिला इंस्पेक्टर ने बस चालक को बुलाकर जानकारी ली और बस चालक को पुलिसकर्मियों से डंडे से मारने के निर्देश दिये। अपने वरिष्ठ अधिकारी के आदेश का पालन करते हुए आरक्षक ने चालक को दो डंडे लगाये। जिसके बाद महिला इंस्पेक्टर ने सिवनी और लखनादौन के कुछ लोगों को उतरने के बाद शेष लोगों को बस से वापस बालाघाट भिजवा दिया गया। इस दौरान सिवनी पुलिस लगातार बालाघाट-सिवनी की सीमा तक बस का पीछा करते रही।
अनुमति मांगने लोगों की लगी कतार, अनुमति पर लगी रोक
रविवार की रात से गंभीर परिस्थिति को छोड़कर, आवागमन की अनुमति पर रोक लगा दी गई है, सोमवार को जानकारी के अभाव में दर्जनो लोग अनुमति प्राप्त करने एसडीएम कार्यालय पहुंचे लेकिन यहां से अनुमति पर रोक लगा दिये जाने की जानकारी के बाद वह मायुस हो उठे। किसी को घर जाना था तो किसी को अपने बच्चों को लाना था। स्थिति यह थी कि यहां अनुमति नहीं मिलने की जानकारी के बाद भी लोग आस लगाकर वहीं डटे रहे ताकि किसी भी तरह उन्हें अनुमति मिल जाये, लेकिन अनुमति नहीं मिलने से उनकी आशा, निराशा में बदल गई।
इनका कहना है
अनुमति पर शत प्रतिशत रोक लगा दी गई है। गंभीर परिस्थिति को छोड़कर अन्य किसी प्रकार के आवागमन की अनुमति आगामी आदेश तक नहीं दी जायेगी।
के.सी. बोपचे, एसडीएम
जो लोग बाहर से आये है, उन्हें धर्मशाला में रूकवाया जायेगा। उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जायेगी। लोगों को बसों के माध्यम से भिजवाने की प्रक्रिया अभी रोक दी गई है, जो भी आगामी आदेश होंगे, उसके अनुसार कार्य किया जायेगा।
दिनेश बाघमारे, सीएमओ, नपा
 

Created On :   31 March 2020 10:23 AM GMT

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