फिलहाल 14 प्रतिशत ही रहेगा ओबीसी आरक्षण, हाईकोर्ट की रोक बरकरार

Presently OBC reservation will remain 14 percent, High Court stay
फिलहाल 14 प्रतिशत ही रहेगा ओबीसी आरक्षण, हाईकोर्ट की रोक बरकरार
फिलहाल 14 प्रतिशत ही रहेगा ओबीसी आरक्षण, हाईकोर्ट की रोक बरकरार

15 मार्च से शुरू होगी 29 याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्र
देश में फिलहाल ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत ही रहेगा। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बैंच ने प्रदेश में 14 प्रतिशत से ज्यादा ओबीसी आरक्षण लागू करने पर लगाई गई रोक को बरकरार रखा है। डिवीजन बैंच ने ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं की अंतिम सुनवाई 15 मार्च से शुरू करने का निर्देश दिया है। डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से कहा है कि जिन-जिन मामलों में जवाब पेश नहीं किया गया है, अंतिम सुनवाई के पहले उन मामलों में जवाब पेश किया जाए।
29 याचिकाओं के जरिए दी गई है चुनौती
हाईकोर्ट में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण और 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण के खिलाफ 29 याचिकाएँ दायर की गई हैं। याचिकाओं में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। याचिकाओं में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में न्याय दृष्टांत दिया है कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी 9 सितंबर 2020 को महाराष्ट्र सरकार के 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के आदेश को रद्द कर दिया है। कुछ याचिकाओं में 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण को भी चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, ब्रहमेन्द्र पाठक, सुयश ठाकुर, सुयश मोहन गुरु और असीम त्रिवेदी पैरवी कर रहे हैं।
ओबीसी आरक्षण के समर्थन में हस्तक्षेप याचिकाएँ
ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन और अपाक्स की ओर से 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के पक्ष में हस्तक्षेप याचिकाएँ दायर की गई हैं। याचिकाओं में कहा गया है कि प्रदेश में ओबीसी की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए ओबीसी को दिया गया 27 प्रतिशत आरक्षण जायज है। हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक शाह, उदय कुमार साहू और आरजी वर्मा पैरवी कर रहे हैं।

Created On :   18 Feb 2021 8:55 AM GMT

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