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तहसील कार्यालय के सामने धरना आंदोलन, शालाएं बंद करने की कार्रवाई रोकने की मांग
डिजिटल डेस्क, कारंजा लाड़। शालेय शिक्षा एवं क्रीड़ा विभाग के 21 सितम्बर 2022 के पत्र के अनुसार 20 से कम पटसंख्यावाली शालाओं को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के खिलाफ कारंजा तहसील के ग्राम अलीमर्दापुर और गणेशपुर के ग्रामीणों की ओरसे कारंजा तहसील कार्यालय के समक्ष सोमवार 3 अक्टूबर को एक दिनी धरना आंदोलन करते हुए इस कार्रवाई को तत्काल रोकने की मांगवाला ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा गया। ज्ञापन में अवगत कराया गया कि शालेय शिक्षा विभाग की ओर से 21 सितम्बर 2022 को शिक्षा विभाग आयुक्त और शिक्षा संचालक म. रा. को निर्गमित किए गए पत्र में शिक्षा पर खर्च कम करने हेतु उपाय योजना बताई गई है, जिसमें 20 छात्रों से कम संख्यावाली शालाएं बंद करने को लेकर कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं। यदि जिला परिषद की शालाएं बंद हो गई तो गरीबों के बच्चों की शिक्षा पर विपरीत परिणाम पडेंगा। विशेष रुप से लड़कियों की शिक्षा पर भी इसका काफी बुरा असर होंगा। साथही अभिभावकों काे भी भारी आर्थिक नुकसान होंगा। शिक्षा अधिकार कानून के अनुसार 1 किमी फासले पर शाला उपलब्ध होनी चाहिए। ऐसे में यदि शालाएं बंद होती है तो इस कानून का उल्लंघन भी होगा, ऐसा भी ज्ञापन में कहा गया है। इस कारण कम पटसंख्यावाली शालाएं बंद नहीं किए जाने की विनती भी ज्ञापन में की गई। कोठारी आयोग ने शिक्षा पर 6 प्रतिशत खर्च बढ़ाने की सिफारिश की थी, लेकिन आज तक सरकार द्वारा ऐसा नहीं कर पाने का आरोप भी ज्ञापन में लगाया गया। आर्थिक कारण बताते हुए छात्र संख्या के अभाव में कोई भी शाला बंद न किए जाने की मांग ज्ञापन की गई। ज्ञापन की प्रतियां मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, महाराष्ट्र राज्य शालेय शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को भेजे जाने की जानकारी भी आंदोलन आयोजकों की ओर से दी गई। ज्ञापन पर ग्राम अलिमर्दापुर के ग्रामीणों के दस्तखत है।
Created On :   4 Oct 2022 6:44 PM IST