राजदीप सरदेसाई ने टीवी पर परोसी जा रही डिबेट पर उठाए सवाल, पूछा - महंगाई पर चुप्पी क्यों

Rajdeep Sardesai raised questions on the debate being served on TV
राजदीप सरदेसाई ने टीवी पर परोसी जा रही डिबेट पर उठाए सवाल, पूछा - महंगाई पर चुप्पी क्यों
राजदीप सरदेसाई ने टीवी पर परोसी जा रही डिबेट पर उठाए सवाल, पूछा - महंगाई पर चुप्पी क्यों

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा कि अब पत्रकारिता नहीं हो रही, बल्कि उसका व्यवसायिकरण हो गया है। टीवी पर आवाज है, देश में आवाज है, लेकिन उसमें ज्ञान नहीं मिल रहा। टीवी अब मनोरंजन का साधन बन गया है। देश की प्रमुख समस्याएं सार्वजनिक करने की बजाए पत्रकारिता में टॉप टेन, टीआरपी को महत्व दिया जा रहा है। हरेक चैनल ब्रेक्रिंग न्यूज करने के चलते भागमभाग कर रहा है। लगता है कि भारत-पाकिस्तान का मुद्दा छोड़ने पर ही पत्रकारिता काफी हद तक बच सकती है। सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की ओर से अरुण साधू स्मृति व्याख्यान और फेलोशिप प्रदान समारोह रखा गया था। जहां सरदेसाई  ने "आज का माध्यम और राजनीति" विषय पर मार्गदर्शन किया। 

मराठवाड़ा में सूखे की क्यों नहीं बनती हेडलाइन 

सरदेसाई ने कहा कि अब विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की राजनीति से अनभिज्ञ दिल्ली का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया यहां आएगा। वह हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे पर जोर देकर लाेगों को जोड़ने का नहीं, तोड़ने का काम कर रहे हैं। टीवी नहीं देखने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि अगर देखना है, तो खेल और सकारात्मक कार्यक्रम देखें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए, लेकिन अमेरिका के साथ कुछ अनुबंध की बात सुनने में नहीं मिली। दिल्ली में पानी जमा हो गया, तो वह समाचार बन जाता है। मराठवाड़ा में सूखा है, लेकिन उसके लिए इमेज चाहिए। मराठवाड़ा में सूखा पड़ा, तो वह पहली हेडलाइन नहीं बनेगी। देशभक्ति के लिए सेना में जाने की सलाह देते हुए सरदेसाई ने कहा कि भारत और चीन में फर्क है। भारत में हम सवाल पूछ सकते हैं, चीन में नहीं।

महंगाई पर डिबेट क्याें नहीं 

सरदेसाई ने अफसोस जताते हुए कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर टीवी पर डिबेट दिखाई जाती है, पीएमसी बैंक, पेट्रोल, महंगाई पर क्यों नहीं कुछ दिखाते। पत्रकारिता में छोटे लोगों को जगह नहीं दी जा रही है। फिर वह कैसे जीवित रहेगी यह सवाल उन्होंने उठाया। देश में विवाद है, लेकिन संवाद नहीं है। जो हाेना चाहिए। राजदीप सरदेसाई ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह अब हिंदी पर जोर दे रहे हैं। क्योंकि वे भाषा के जरिए लोगों को विभाजित करना चाहते हैं। उन्होंने शाह को चेन्नई, बंगलुरु, विजयवाड़ा ले जाकर वहां पर हिंदी में भाषण करने की सलाह भी दी। 
 

Created On :   29 Sept 2019 4:05 PM IST

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