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ओपन कैंप में सड़ रही धान, निकल आए अंकुर
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। बालाघाट जिले में असुरक्षित तरीके से ओपन कैंप में धान रखी गई है, जिसमें धान में अंकुरण होना शुरू हो गया है। जिसके चलते मार्केटिंग फेडरेशन ने उक्त धान जो अंकुरित होकर सड़ रही है को जबरन कस्टम मिलिंग के लिए उद्योगपतियों को खुली धान थमाई जा रही है। प्रत्येक लॉट मे 40 कट्टी धान कस्टम मिलर्स को दी जा रही है और इन मिलर्स को बॉली उगने के बाद जो खुली धान मिल रही है। उक्त धान के बारदानें भी प्रदान नही किए जा रहें है।
मिलर्स स्वयं या तो अपना बारदाना लाए अथवा खुली धान लेकर उसे जाना होगा। चांवल व्यापार से जुड़े हुए स्थानीय उद्योग संघ व प्रदेश के उद्योग संघ के पदाधिकारी के द्वारा विरोध किए जाने पर भी मार्केटिंग फेडरेशन के स्थानीय अधिकारी अंकित तिवारी उद्योगपतियों को सीधे धमकी देते है कि उन्हें अनुबंध के तहत माल लेना हो तो ले अन्यथा ना ले, जबकि विभाग द्वारा मिलर्स से 40 रूपए बारदाने के वसूले जाते है। इस तरह प्रत्येक लॉट मे धान उठाने पर मिलर्स को बारदाने का 1600 रूपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वहीं अंकुरित धान से मापदण्ड के अनुसार चांवल बनना संभव नही है। मिलर्स के अनुसार लगभग 14 क्विंटल धान जो कि साढ़े पांच हजार रूपए का होता है से बनने वाला चांवल खण्डा या कनकी होता है। उसमे भी मिलर्स को नुकसान हो रहा है चूंकि नागरिक आपूर्ति निगम 25 प्रतिशत से अधिक टूट का चांवल नही ले रहा है जिसके चलते मिलर्स को भारी नुकसान होने की शिकायतें कर रहें है।
Created On :   6 July 2017 12:38 AM IST