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सरपंच सचिव ने किया डेढ़ करोड़ का गोलमाल, जांच के बाद भी कार्रवाई ठंडे बस्ते में
डिजिटल डेस्क अनूपपुर । मध्यप्रदेश की दूसरी सबसे बडी जनपद पंचायत पुष्पराजगढ अन्तर्गत 119 ग्राम पंचायतें आती हैं। मैकलांचल में दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र होने के कारण पंचायतों में विकास कार्य कागजों में ही संपन्न करा दिए जाते हैं जिसकी मुख्य वजह अधिकारियों का निरीक्षण नहीं करना भी है। तहसील मुख्यालय राजेन्द्रग्राम राजस्व दस्तावेज में किरगी ग्राम पंचायत में संचालित है। जहां पर पदस्थ रहे तत्कालीन सचिव फूलचंद सिंह मरावी के द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान जमकर भ्रष्टाचार किया गया। 15 दिसंबर 2017 को सबसे पहली बार ग्रामीणों ने जनपद कार्यालय में सचिव की शिकायत की।
कार्यवाही नहीं होने पर जिला पंचायत व उसके बाद संभागायुक्त से भी 19 बिन्दुओं की शिकायत करते हुए जांच कराए जाने की मांग की । संभागायुक्त द्वारा दिए गए निर्देश के बाद 5 सदस्यीय टीम का गठन किया गया जिसमें सीईओ,एसडीओ, उपयंत्री, खंड पंचायत अधिकारी व पंचायत समन्वयक अधिकारी शामिल रहे। जांच के पश्चात सीईओ जिला पंचायत को सौंपे गए जांच प्रतिवेदन में सचिव द्वारा 1 करोड़ 40 लाख का भ्रष्टाचार प्रमाणित पाए जाने के साथ ही वसूली हेतु उल्लेख किया गया है।
दुकान के नाम पर वसूली
ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई थी कि सचिव ने पंचायत द्वारा शासकीय भूमि पर बनाई गई आधा सैकड़ा दुकानों को बगैर नियमों का ध्यान रखते हुए मनमाने तरीके से आवंटन कर दिया गया। स्वलाभ के फेर में निर्माण कार्यो में भी जमकर धांधली की गई है। पंचायत को आवंटित किए जाने वाले बजट में भी हेर-फेर किया गया है। शिकायत की जांच में प्रमाणित पाया गया कि दुकानों का निर्माण बगैर प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति के ही करा दिया गया। वहीं दुकान के आवंटन में आरक्षण प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया है। एक ही परिवार के लोगों को आधा दर्जन दुकानें आवंटित कर दी गई है। जांच में यह भी पाया गया कि 44 व्यापारियों से दुकान आवंटन के नाम पर 58 लाख 95 हजार रुपए वसूले गए जो राशि पंचायत के खाते में जमा नहीं हो पाई है।
निर्माण अधूरा आहरण पूरा
वर्ष 2015-16 में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग अनूपपुर से अनुसूचित जनजाति कन्या प्री मैट्रिक छात्रावास राजेन्द्रग्राम में दो अतिरिक्त कक्ष के लिए 20 लाख रुपए स्वीकृत किया गया था जिसमें तत्कालीन सचिव फूलचंद मरावी द्वारा 19 लाख 50 हजार का आहरण कर लिया गया। जबकि अतिरिक्त कक्ष में प्लास्टर, फर्श, शौचालय व विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ हीं नहीं हुआ। इसी तरह वर्ष 2014-15 में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 10 लाख रुपए स्वीकृत किया गया था इस भवन में भी शौचालय व विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया गया और 9 लाख रुपए का आहरण कर लिया गया। तहसील परिसर में बनी दुकानें, बस स्टैंड में निर्मित दुकानें व पंचायत परिसर में निर्मित दुकानों को मनमानी करते हुए बंदरबांट कर दिया गया।
मुक्तिधाम भी भ्रष्टाचार मुक्त नहीं
वर्ष 2011-12 में मनरेगा से ग्राम किरगी में मुक्तिधाम निर्माण के लिए 5 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। जिसमें तत्कालीन सचिव फूलचंद मरावी द्वारा 3 लाख रुपयों का आहरण कर लिया गया था। परंतु यह कार्य आज तक अधूरा पड़ा हुआ है। संपादित कार्य का मूल्यांकन तत्कालीन उपयंत्री अरूण कुमार वर्मा द्वारा महज 2 लाख रुपयों का किया गया था। शासकीय निधि से प्राप्त राशि के दुरूपयोग को प्रमाणित पाए जाने के साथ ही वसूली के संबंध में भी जांच समिति द्वारा उल्लेख किया गया है।
वसूली की दरकार
जांच समिति ने स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया है कि 19 बिन्दुओं की शिकायत में बिन्दु क्रमांक 6, 17, 18, 19 सत्य नहीं पाए गए हैं। शेष सभी बिन्दुओं में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। तत्कालीन सचिव फूलचंद मरावी व सरपंच श्रीमती अहिल्या बाई द्वारा 1 करोड़ 40 लाख 2077 रुपयों का अपव्यय किया गया है। जिसमें सरपंच व सचिव संयुक्त रूप से 6 लाख 33 हजार 892 रुपयों के आहरण में दोषी हैं। अत: सरपंच से 3 लाख 16 हजार 946 रुपए व सचिव रहे फूलचंद मरावी से 1 करोड़ 36 लाख 85 हजार 131 रुपयों की वसूली की जानी चाहिए।
इनका कहना है।
जांच प्रतिवेदन के आधार पर फाइल वरिष्ठ कार्यालय को कार्यवाही के लिए प्रेषित कर दी गई है।
(बालगुरू के, एसडीएम पुष्पराजगढ़)
Created On :   14 May 2018 2:01 PM IST