SECL ने बिना मुआवजा दिए ले ली जमीन - परेशान 17 किसानों ने मांगी इच्छामृत्यु

Secured land without compensation - 17 farmers demanded euthanasia
SECL ने बिना मुआवजा दिए ले ली जमीन - परेशान 17 किसानों ने मांगी इच्छामृत्यु
SECL ने बिना मुआवजा दिए ले ली जमीन - परेशान 17 किसानों ने मांगी इच्छामृत्यु

डिजिटल डेस्क अनूपपुर । एसईसीएल हसदेव क्षेत्र अंतर्गत कुरजा उपक्षेत्र ग्राम कुरजा, पडरी पानी, दलदल एवं  रेऊदा के 231 किसानों की 314.78 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2012 में किया गया जिसके बदले अभी तक कालरी प्रबंधन के द्वारा इन किसानों को रोजगार व मुआवजा नहीं दिया गया और कई बार तक किसानों के द्वारा धरना प्रदर्शन व आंदोलन भी किए गए लेकिन  स्थानीय प्रशासन व कालरी प्रबंधन के द्वारा सिर्फ आश्वासन दिए जाने से नाराज 17 आदिवासी  किसानों के द्वारा राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मंाग की गई है।
राष्ट्रपति सचिवालय को  दिए गए ज्ञापन में प्रभावित किसान रामसिंह, शिव कुमार संवाले, लखन ङ्क्षसह गोंड, मुनेश्वर ङ्क्षसह गोंड़, रामलाल पाव, बब्बू पाव, गेंदलाल पाव, धनकुमार कोल, गोविंद ङ्क्षसह गोंड़, मोती लाल गोड़, श्यामाबाई गोंड़, रामदयाल गोंड़, फूल कुंवर गोंड़, मुलकों बाई गोंड़, दुआसा बाई, केशर सिंह ने पूर्व विधायक कोतमा जुगुल किशोर गुप्ता के नेतृत्व में पहुंचकर अपनी व्यथा बताते हुए इच्छा मृत्यु की याचना की गई। जिसमें उन्होंने कालरी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहाकि कुरजा उपक्षेत्र के द्वारा वर्ष 2006 से  चोरी छिपे भूमिगत खदान चलाते हुए उनकी जमीनों को खोखला कर दिया गया है। जिससे जमीन में जगह-जगह दरार बनने के साथ उपजाऊपन समाप्त हो चुका है और पूर्व में जहां कालरी अधिकारी यह कह रहे थे कि उन्हें रोजगार व मुआवजा मिलेगा वही अब उनके द्वारा  यह कहा जा रहा है कि जमीनों को किसानों को वापस देने संबंधी सलाह वरिष्ठ अधिकारियों से मांगी गई है जिसका फैसला होने के बाद ही रोजगार व मुआवजे का निर्णय हो सकेगा।
सारी कोशिशे कर ली अब मांगी इच्छा मृत्यु
एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के कुरजा उपक्षेत्र पर किसानों ने धोखाधड़ी करने के आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी 5 वर्षो से उनकी जमीनों पर भूमिगत खदान संचालित कर कोयला  निकालते रहे हैं और अब उनके द्वारा जमीनों को नहीं लेने की बात कही जा रही है। वहीं  किसानो ने कहा कि वर्ष 2013 में धारा 7 1 के तहत अधिसूचना जारी कर जमीनें लिए जाने की बात कहने के बाद अब कालरी प्रबंधन अपने वादे से मुकर रहा है। जबकि इसके लिए जिले सहित विभिन्न अधिकारियों के सामने वह हर तरह के प्रयास न्याय के लिए कर चुके हैं और अब थक कर सभी ने इच्छामृत्यु की मांग की है।
इनका कहना है।
रोजगार व मुआवजा दिए जाने से संबंधित निर्णय बिलासपुर कालरी मुख्यालय से लिया जाएगा  हमारे द्वारा संबंधित दस्तावेज वहां भेज दिए गए हैं।
अजय नामजोशी, उपक्षेत्रीय प्रबंधक कुरजा

 

Created On :   30 March 2018 7:35 PM IST

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