मासूम से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

Sentenced to life imprisonment for a man, who are accused of rape
मासूम से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
मासूम से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। एक चार वर्षीय अबोध बालिका से दुष्कर्म किए जाने के मामले में महज 7 महीने में ही पुलिस के प्रयासों से आरोपी को शेष प्राकृत जीवन काल कोठरी में बिताने होंगे।  अदालत ने आरोपी को शेष पूरे जीवनकाल के कारावास की सजा से दंडित किया है । अबोध बालिका के साथ घटित हुए इस घटना में न्याय दिलाने में पुलिस की भूमिका सराहनीय व अनुकरणीय ही रही है। 6 मार्च 2017 को बिजुरी थाने में चार वर्षीय बालिका  की मा ने शिकायत की कि जब वह मजदूरी के लिए बाहर गई हुई थी तभी पड़ोस में रहने वाले मो. बकरीदी उर्फ छोटकू पिता अकबर अली उम्र लगभग 22 वर्ष सूनेपन का फायदा उठाते हुए उसकी 4 वर्षीय अबोध बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश कर रहा था। उसके आने से  वह फरार हो गया। पुलिस ने महिला की शिकायत पर धारा 454, 376 (2), (1) 511, 3, 4, 6 पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था  दिल्ली में वर्ष 2012 में घटित निर्भया कांड के बाद महिला व बालिकाओं की सुरक्षा व ऐसे दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए नित नए कठोर कानून बनाए जा रहे हैं।
जाति प्रमाण पत्र में लगा समय
पीडि़ता मासूम अनुसूचित जनजाति वर्ग से थी किंतु मजदूरी का व्यवसाय करने वाले माता पिता के पास स्वयं का जाति प्रमाण पत्र भी नहीं था। पूरे मामले की विवेचना कर रहे  एसडीओपी विजय प्रताप सिंह ने इस समस्या को पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन से बतलाई। जिसके बाद पीडि़ता व उसके माता-पिता का जाति प्रमाण पत्र तैयार कराया गया और घटना दिनांक से लगभग डेढ़ महीने बाद चालान पेश किया गया।
पीडि़ता ने दोहराई बात
मामले से जुड़े गवाहों व स्वयं पीडि़ता मासूम से पुलिस अधीक्षक व एसडीओपी कोतमा   लगातार संपर्क में रहे। वहीं न्यायालय में पीडि़ता ने अपने साथ घटित हुई घटना को भी बतलाया। आरोपी को पहचानते हुए उसने अपने साथ किए गए कृत्य का खुलासा भी किया।
पूरे मामले में  13 दिसंबर को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश रविकुमार नायक के द्वारा इस मामले पर उभय पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुनते हुए विशेष लोक अभियोजक दुर्गेन्द्र सिंह भदौरिया के तर्क से सहमत होते हुए आरोपी मो. बकरीदी को शेष प्राकृत जीवन आजीवन कारावास एवं 5 हजार रुपए का अर्थदंड दिए जाने के आदेश दिए।  

 

Created On :   18 Dec 2017 1:50 PM IST

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