शिक्षक बच्चों के गांव जाकर पढ़ाएंगे, नदी ने रोका रास्ता तो प्राचार्य ने किया नवाचार

Teachers will go to the children village and teach them
शिक्षक बच्चों के गांव जाकर पढ़ाएंगे, नदी ने रोका रास्ता तो प्राचार्य ने किया नवाचार
शिक्षक बच्चों के गांव जाकर पढ़ाएंगे, नदी ने रोका रास्ता तो प्राचार्य ने किया नवाचार

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। वर्षा ऋतु में नदी की बाढ़ के कारण स्कूल न पहुंच पाने वाले नवमीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए यहां के हायर सेकेन्ड्री स्कूल मौदा के प्राचार्य ने अनोखा तरीका निकाला है । यहां के शिक्षक बच्चों के गांव जाकर ही उनको पढ़ाएंगे । इस तरह नदी पार करके स्कूल ना पहुंच पाने के कारण बच्चों का जो पढ़ाई का नुकसान होता था वह अब नहीं होगा। प्राचार्य के इस निर्णय से जहां अभिभावकों में खुशी का वातावरण है वहीं शिक्षकों ने भी इस निर्णय पर हंसी खुशी अपनी सहमति जताई है और वे अब 9 किलोमीटर दूर बच्चों के गांव  कोस्ते जाकर उन्हें पढ़ाने का काम कर रहे हैं।

आसपास नहीं है कोई दूसरा स्कूल

यह निर्णय करने वाले रजेगांव  संकुल के प्रभारी एवं हायर सेकेंडरी स्कूल मौदा के प्राचार्य डॉ.युवराज रहंगडाले ने बताया कि कोस्ते ग्राम में आठवीं तक का स्कूल है और वहां के बच्चे हायर सेकेंडरी की पढ़ाई करने के लिए उनके हायर सेकेंडरी स्कूल ग्राम मौदा आते हैं। दोनों गांव की दूरी मात्र डेढ़ किलोमीटर है किंतु दोनों गांव के बीच देव नदी होने के कारण वर्षा ऋतु में बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं जिस कारण से नौवीं कक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चे अपन पढ़ाई कार्य से वंचित हो जाते हैं। नदी में बाढ़ रहने के कारण घूम कर जाने पर दोनों गांवों की दूरी 9 किलोमीटर हो जाती है। इस समस्या के कारण बच्चे या तो स्कूल से नाम कटा कर घर बैठ जाते थे या दूसरे स्कूलों में प्रवेश ले लेते थे। इस कारण उनके स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या घटती जा रही थी।

मिडिल स्कूल में होगी पढ़ाई 

इस समस्या का समाधान उन्होंने इस तरह निकाला कि अब उनके स्कूल के शिक्षक कोस्ते ग्राम के बच्चों को जाकर वहीं पर पढ़ाएंगे। अध्यापन की व्यवस्था ग्राम के ही मिडिल स्कूल में होगी और जब तक वर्षा ऋतु चलेगी तब तक यह अध्यापन कार्य जारी रहेगा। इसके बाद बच्चे मौदा आकर हायर सेकेंडरी स्कूल में ही आकर अपना अध्यापन कार्य सुचारू कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में कक्षा नौवीं की दो सेक्शन है इस तरह एक सेक्शन मौदा में लगाएंगे तथा एक सेक्शन ग्राम कोस्ते में लगेगी। इससे बच्चों का नुकसान नहीं होगा और ना शिक्षकों को कोई परेशानी होगी। 

Created On :   8 July 2019 12:43 PM GMT

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