मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र जल जीवन मिशन के तहत मरूस्थलीय क्षेत्रों में 100 प्रतिशत तथा अन्य में 90ः10 के अनुपात में मिले केन्द्रीय हिस्सा

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
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मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र जल जीवन मिशन के तहत मरूस्थलीय क्षेत्रों में 100 प्रतिशत तथा अन्य में 90ः10 के अनुपात में मिले केन्द्रीय हिस्सा

डिजिटल डेस्क, जयपुर। 10 अगस्त। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत मरूस्थलीय क्षेत्रों में 100 प्रतिशत तथा अन्य क्षेत्रों में 90ः10 के अनुपात में केन्द्रीय हिस्सेदारी उपलब्ध कराई जाए। श्री गहलोत ने जल जीवन मिशन के तहत केन्द्र सरकार द्वारा तिमाही चार किश्तों में रिलीज की जाने वाली राशि छमाही दो किश्तों में रिलीज करने का भी आग्रह किया ताकि जिलों में कार्य निर्बाध गति से हो सके। श्री गहलोत ने कहा कि 21 फरवरी, 2020 को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखे गए पत्र में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत केन्द्र और राज्य के बीच निधि हिस्सेदारी का अनुपात 50-50 से परिवर्तित कर 90ः10 किए जाने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने पत्र में लिखा कि केन्द्रीय सहायता से स्वीकृत 60 वृहद् पेयजल परियोजनाओं की कुल लागत 20 हजार 529 करोड़ रूपए थी। इसमें केन्द्र की हिस्सा राशि 10 हजार 548 करोड़ एवं राज्य की हिस्सा राशि 9 हजार 981 करोड़ रूपए थी। इसके विरूद्ध इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 तक केन्द्र सरकार द्वारा 5474 करोड़ रूपए ही दिए गए, जबकि राज्य सरकार द्वारा 8764 करोड़ रूपए का व्यय किया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत वर्ष 2014-15 में आवंटन 1304.64 करोड़ रूपए था, जबकि वर्ष 2018-19 में मात्र 550.82 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया। ऎसे में मूल स्वीकृति के अनुसार इन योजनाओं के पूर्ण होने तक केन्द्र सरकार की हिस्सा राशि 5073 करोड़ रूपए बकाया है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि सम्पूर्ण राज्य में अधिक से अधिक ग्रामीण परिवारों को 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन पेयजल आपूर्ति के प्रयास किए जा रहे हैं, परन्तु विषम भौगोलिक परिस्थितियों, रेगिस्तानी भू-भाग, गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों की अधिकता एवं राजस्थान के अधिकतर क्षेत्र में स्थायी भू-जल स्रोतों की उपलब्धता नहीं होने के कारण पेयजल सतही जल स्रोतों के माध्यम से ही उपलब्ध कराया जाना दीर्घकालीन एवं स्थायी समाधान है। 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन आपूर्ति हेतु बाह्य सतही जल स्रोतों से जल की व्यवस्था करना चुनौती पूर्ण कार्य है।

Created On :   11 Aug 2020 12:37 PM IST

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