अमरकंटक ताप विद्युत गृह का तटबंध तड़के टूटा, पानी रोकने के लिए दोपहर में चेता प्रबंधन

The embankment of Amarkantak Thermal Power Station broke in the early hours
अमरकंटक ताप विद्युत गृह का तटबंध तड़के टूटा, पानी रोकने के लिए दोपहर में चेता प्रबंधन
अनूपपुर अमरकंटक ताप विद्युत गृह का तटबंध तड़के टूटा, पानी रोकने के लिए दोपहर में चेता प्रबंधन

 डिजिटल डेस्क , अनूपपुर ।  जिले के अमरकंटक ताप विद्युत गृह से निकलने वाले राखड़ युक्त पानी के लिए बनाया गया बांध शुक्रवार तड़के फूट गया। करीब 70 हजार मीटर जल भराव क्षमता वाले इस बांध के टूटने से लाखों क्यूबिक राखड व पानी बह गया और आसपास के खेतों में भर गया। राखड़ युक्त पानी खेतों से होते हुए सोन नदी तक पहुंच गया है।  
     तटबंध टूटने के बाद पानी का बहाव रोकने में भी प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सूत्रों के अनुसार तड़के सुबह गेट टूटने की जानकारी पंप हाउस व चौकीदार द्वारा संबंधित अधिकारियों को दी गई, लेकिन अधिकारियों के सुस्त रवैया के कारण तत्काल पानी रोकने की कोशिश नहीं की गई। दोपहर करीब 12 बजे मुरूम व मिट्टी को दो जेसीबी मशीनों द्वारा भरने का कार्य कराया गया, तब तक बांध का पानी वाला राखड़ किसानों के खेतों में भरते हुए बने टाकी नाले से होते हुए सोन नदी तक पहुंच गया। पूरा नाला राखड़ के मलबे से समतल मैदान जैसे दिखने लगा। दोपहर बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे और जगह-जगह पर पानी की सैंपलिंग भी कराई गई है।

प्रबंधन की अनियमितता हुई उजागर 
पॉवर प्लांट से निकलने वाले राखड़ युक्त पानी के लिए केल्हौरी गांव के समीप राखड़ (फ्लाइएश) बांध बना है। 2 वर्ष पूर्व ही करोड़ों रुपए की लागत से बांध की ऊंचाई बढ़ाने के साथ ही गेट पुल का निर्माण ठेकेदार द्वारा सिविल विभाग की निगरानी में कराया गया था। ताप विद्युत गृह के सूत्रों के अनुसार विगत 10 वर्षों से केवल एक सिविल अधिकारी के देखरेख में राखड़ बांध का मेंटेनेंस होता रहा है। इसके चलते बांध में लगने वाले मिट्टी, पत्थर, गिट्टी व मुरूम में भारी अनियमितता होती रही है। इसी अनियमितता के कारण बांध में बना मुख्य गेट पुल धराशाई हो गया। 

खेतों से हटाएंगे फ्लाईएश 
प्रबंधन द्वारा घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसमें तटबंध के टूटने के कारण एवं इससे होने वाले नुकसान का आंकलन किया जाएगा। फिलहाल प्रबंधन द्वारा टूटे तटबंध को मुरूम और मिट्टी से बंद कर दिया गया है, पानी का बहाव थम गया है। जिन किसानों का नुकसान हुआ है उन्हें मुआवजे के साथ ही उनके खेतों से फ्लाई ऐश को हटवाने की बात भी की जा रही है। इस संंबंध में डीई फ्लाईऐश बांध अमरकंटक ताप विद्युत गृह मुकेश नामदेव का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है वही प्रभावितों के खेत से फ्लाईएश को हटाया जाएगा।

राजस्व अमला पहुंचा मौके पर
किसानों के खेतों में पानी भरने की सूचना पर एसडीएम अनूपपुर द्वारा पटवारी आरएन सिंह को मौके पर भेजा गया। उन्होंने प्रभावित किसानों के खेतों का निरीक्षण किया गया। प्रारंभिक सर्वेक्षण में भूस्वामी सियाबती पति पलटू बैगा, बेलसिया पति शुभे, सेमकली पति मनीराम, यमन पिता जोधि साहू, प्रेमदास साहू, संतोष साहू, धनई साहू, धनुआ साहू, शंभू साहू, रामदास साहू, राम गोपाल साहू, विमला साहू एवं कमलेश साहू के खेत में पानी भरना पाया गया है। खेत में धान की फसल काटी जा चुकी थी। अभी कोई फसल नहीं लगी थी।

किसानों की बात दो एकड़ में भरा पानी
प्रभावित किसान रज्जन साहू ने बताया कि २ एकड़ खेत में राखड़ और पानी भरा हुआ है। पता चला है कि राखड़ बांध टूटने के कारण राखड़ भी खेत में आ गई है। जिसकी सूचना उसने पावर प्लांट को दी है अधिकारियों ने सर्वेक्षण कराने और फ्लाई ऐश हटाने का आश्वासन दिया है।
घास नहीं मिल पाएगी
एक अन्य किसान गज्जू चौरसिया ने बताया कि उसके लगभग 1 एकड़ के खेत में राखड़ की परत जमी हुई है। खेत में अभी फसल नहीं लगी थी पालतू जानवर घास चरने के लिए खेत में आते थे किंतु खेत में राखड़ हो जाने की वजह से अब उन्हें चारा भी नहीं मिल पाएगा।

Created On :   12 Feb 2022 9:26 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story