वृक्षारोपण से बदल गई गांव की तकदीर , तालाब लबालब कुओं मेंं भी भरपूर पानी ,चारों ओर खूबसूरत गार्डन

The fate of the village has changed due to plantation, beautiful gardens around the pond
वृक्षारोपण से बदल गई गांव की तकदीर , तालाब लबालब कुओं मेंं भी भरपूर पानी ,चारों ओर खूबसूरत गार्डन
वृक्षारोपण से बदल गई गांव की तकदीर , तालाब लबालब कुओं मेंं भी भरपूर पानी ,चारों ओर खूबसूरत गार्डन

डिजिटल डेस्क  बालाघाट। वृक्षारोपण से किस तरह गांव एवं ग्रामीणों की तकदीर बदल सकती है इसका प्रमाण देखना है तो बालाघाट-सिवनी रोड पर स्थित लालबर्रा पांढरवानी ग्राम पंचायत चले आइए...। महज 6 हजार की आबादी वाले गांव में ऐसा आकर्षण है, जो आपको लुभा लेगा।  कभी जल संकट से जूझने वाले इस  गांव के तालाब अब लबालब भरे हैं और हैंडपंप दिन भर पानी उगलते भी नहीं थक ते । पंचायत के कार्या से इस गांव को इतना संदर और रमणीक बना दिया है कि महानगर के बड़े बड़े गार्डन भी इसकी शोभा के आगे नहीं टिकेंगे । दरअसल यहां एक तालाब के किनारे को गार्डन लुक दिया गया है। इसके लिए पंचायत ने तालाब के किनारे करीब पांच हजार पौधे लगाए। कमाल ये हुआ कि पौधों के बढ़ते और लहलहाते ही तालाब का जल स्तर बढ़ गया और तो और भूमि का वॉटर लेवल बढऩे के कारण गांव में ट्यूबवेल और कुएं भी पुनर्जीवित हो गए। पूरे गांव को गर्मी में होने वाले जल संकट से निजात मिल चुकी है। पंचायत का यह कारनामा लोगों की जुबान पर है। सभी इसकी तहे दिल से सराहना और अनुसरण भी कर रहे हैं। 
बताया गया है कि गांव को हरा-भरा और खूबसूरत बनाने की पहल सरपंच अनीश खान ने वर्ष 2016 में शुरू की। उन्होंने तालाब के किनारे पौधे लगाने का मन बनाया। पहल शुरू हुई तो पूरा गांव उनके साथ खड़ा हो गया और देखते ही देखते पूरे गांव की तस्वीर बदल गई। 9 एकड़ का तालाब खूबसूरत पिकनिक स्पॉट जैसा विकसित हो गया। पंचायत ने यहां बच्चों के लिए फिसलपट्टी व मनोरंजन के अन्य उपकरण लगा दिया। बच्चों की किलकारियां इस स्थान की खूबसूरती को और भी चार चांद लगा रही हैं। बताया गया है कि गांव में चार तालाब हैं। पंचायत ने पौधा रोपण के साथ इन 5 तालाबों को आपस में जोड़ दिया गया है। इससे लालबर्रा नगर मुख्यालय के साथ ग्राम पांढरवानी, रामजीटोला, आमाटोला, उदासीटोला, कंटगटोला में भी जल स्तर बढ़ गया है। जलस्रोत लबालब हैं। नौ एकड़ के तालाब में इस वक्त भी 10 फीट से ज्यादा पानी है। इतना ही नहीं पांढरवानी-लालबर्रा के सभी हैण्पंपों में भरपूर पानी है। भीषण गर्मीं में भी 2-3 बार हैण्डपंप मारने पर ही पानी बाहर आ जाता है।
जल संरक्षण को लेकर उठाए कदम 
यहां 77 पंचायतों में शुमार लालबर्रा ब्लाक की सबसे बड़ी व तहसील मुख्यालय की ग्राम पंचायत पांढरवानी लालबर्रा में किए गए वाटर रिसोर्सिंग कार्य से यह संभव हो सका है। पहले गांव में पानी की समस्या तथा वाटर लेवल नीचे जाने पर तालाबों के गहरीकरण पर ज्यादा ध्यान दिया गया।  योजना अंतर्गत नि:शुल्क तालाब गहरीकरण मनरेगा योजना से तालाबों की मेढ़ मरम्मत, पनघट कार्य, वेस्टवियर निर्माण, सुदृढ़ीकणरण कार्य से मजदूरों को रोजगार देकर तालाब को संवारने का कार्य किया गया।  ग्रामीणों के जज्बे को देखते हुए तात्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा द्वारा प्रदान की गई सांसद निधि से भी तालाब को संवारा गया एवं उद्यान का निर्माण किया गया। विभिन्न योजनाओं के तहत अभी तक यहां पर 20 करोड़ रुपए से काम किया गया है। मरनेगा से स्वीकृत इन कार्यों में पंचायत क्षेत्र के अस्सी प्रतिशत मजदूर के जाब कार्ड 100 दिन की मजदूरी से भर जाते थे। यह पहली ऐसी पंचायत है जहाँ बरसातश्च में भी मजदूरों को काम मिलना बताया जा रहा है। 

Created On :   13 Jun 2020 1:27 PM GMT

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