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किशोरी की रिहाई के बदले गिरोह ने मांगी थी 40 लाख की फिरौती

डिजिटल डेस्क सतना। घर से भागी नाबालिग लड़कियों को अगवा कर बंधक बनाने और फिर उन्हें बेच देने के संगीन मामले में यूपी पुलिस की पकड़ में आए 11 सदस्यीय अंतरराज्यीय गिरोह ने चुंगल में फंसी यहां की एक किशोरी के रिहाई के बदले परिजनों से 40 लाख की फिरौती मांगी थी। प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि किशोरी के माता-पिता की शिकायत पर खुल्दाबाद थाने में अपहरण और फिरौती का अपराध दर्ज किया गया है। बताया गया है कि गैंग लीडर डब्बू साहू ने परिजनों को कॉल कर किशोरी की रिहाई के एवज में 40 लाख रुपए मांगे थे, वर्ना बेटी को बेच कर पैसा वसूल लेने की धमकी दी थी। अंतरराज्यीय गैंग के चंगुल से छूटी किशोरी जिले के अमरपाटन थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली है। ये नाबालिग लड़की 25 सितंबर को तिमाही परीक्षा देने के बहाने घर से निकली थी और फिर अपने जीजा के भाई के साथ भाग कर प्रयागराज पहुंच गई थी।
आज शाम लौटेगी अमरपाटन पुलिस
इसी बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोमवार को किशोरी के माता-पिता जहां प्रयागराज पहुंच गए, वहीं 2 दिन से वहां डेरा डालकर बैठी अमरपाटन पुलिस एक अक्टूबर की शाम तक यहां मय किशोरी के लौटेगी। बताया गया है कि प्रयागराज में किशोरी के अदालत के समक्ष धारा -164 के तहत बयान दर्ज नहीं हो पाने के कारण ये स्थिति बनी है। उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस किशोरी के जीजा के भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पकड़ में आया गिरोह नकली पुलिस और फर्जी बाल संरक्षण अधिकारी बन कर घर से भागी नाबालिग लड़कियों को अगवा कर लिया करता था। गिरोह के पास से सतना की तरह बनारस की भी एक किशोरी को मुक्त कराया गया है।
फर्जी शादी कराकर लूट लेते थे दूल्हे को
प्रयागराज के एसएसपी ने बताया कि घर से भागी नाबालिग लड़कियों को अगवा कर बंधक बनाने, रिहाई का झांसा देकर परिजनों के फिरौती में मोटी रकम वसूलने और फिर चंगुल में फंसी लड़कियों को बेच देने के आरोप में पकड़ में आया अंतरराज्यीय गिरोह को फर्जी शादियां कराकर दूल्हे को लूट लेने में भी महारत हासिल थी। सोमवार को गैंग लीडर डब्बू साहू, सिमरन उसके पति जानू सोनकर,सोनी उर्फ स्नेहा पांडेय, नीतू साहू, प्रदीप कुमार, अमित कुमार, दिलवर हबीब, लकी श्रीवास्तव, विकास सिंह और संतोष साहू को जेल भेज दिया गया।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।