भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिमा लगाने का मामला, सरकार ने कहा आदेश का होगा पालन

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भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिमा लगाने का मामला, सरकार ने कहा आदेश का होगा पालन

डिजिटल डेस्क जबलपुर । भोपाल के टीटी नगर चौक पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह की प्रतिमा स्थापित किये जाने के मामले पर गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में बयान दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का अक्षरश: पालन किया जाएगा। इसी तरह छिंदवाडा में सड़क पर लगाई गई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा को भी किनारे कर दिया गया है। जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार को रिपोर्ट पेश करने एक सप्ताह का समय देकर सुनवाई 13 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी।
गौरतलब है कि जबलपुर के अधिवक्ता ग्रीष्म जैन ने हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका दायर करके भोपाल के टीटी नगर लिंक रोड पर चौक के बीचों-बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की दस फीट की मूर्ति लगाये जाने को चुनौती दी है। आवेदक का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों या सरकारी जगहों पर नेताओं की मूर्ति लगाने पर रोक लगाई है। हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने भी चीफ सेक्रेटरी को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश पूर्व में जारी किए थे। याचिका में आरोप है कि यातायात और ट्रैफिक व्यवस्था का हवाला देकर टीटी नगर के जिस स्थान से चन्द्रशेखर आजाद की मूर्ति पूर्व में हटाई गई थी वहीं पर अब पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति स्थापित करने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। बीते 3 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सतीश वर्मा ने आरोप लगाया था कि सरकार ने भोपाल में मूर्ति तो नहीं हटाई। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया है।इस दलील के समर्थन में उन्होंने कुछ फोटो ग्राफ्स भी पेश किए थे। इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने श्री वर्मा को शपथ-पत्र पेश करने और प्रदेश के मुख्य सचिव को भी जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। गुरुवार को मामले पर आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर हाजिर हुए। श्री शेखर ने युगलपीठ को बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। इस बयान पर युगलपीठ ने रिपोर्ट पेश करने की मोहलत देकर सुनवाई एक सप्ताह बाद करने के निर्देश दिए।
 

Created On :   6 Dec 2019 8:12 AM GMT

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