न माइनिंग प्लान था और न ही  पर्यावरण स्वीकृति, इसलिए भेजा गया एसजीएमएम की खदान का निरस्तीकरण प्रस्ताव

There was neither a mining plan nor environmental approval, hence the cancellation proposal sent
न माइनिंग प्लान था और न ही  पर्यावरण स्वीकृति, इसलिए भेजा गया एसजीएमएम की खदान का निरस्तीकरण प्रस्ताव
न माइनिंग प्लान था और न ही  पर्यावरण स्वीकृति, इसलिए भेजा गया एसजीएमएम की खदान का निरस्तीकरण प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क जबलपुर । गांधीग्राम स्थित एसजीएमएम ओर्स प्राइवेट लिमिटेड की 7.31 हेक्टेयर की खदान निरस्त करने के प्रस्ताव के पीछे मुख्य वजह वैध माइनिंग प्लान, पंजीकृत माइनिंग प्लान और एनवायरमेंटल क्लीयरेंस का न होना है। सिहोरा तहसील स्थित राजीव चड्ढा के नाम से स्वीकृत इस खदान में लेटराइट, ब्लू डस्ट, आयरन ओर के खनन में शासन के निर्देशों और अनुबंध के उल्लंघन को कारण बताया गया है। इस खदान सहित जबलपुर जिले की कुल 16 खदानों को निरस्त करने के प्रस्ताव भेजे गए हैं, अधिकांश में यही कारण बताए गए हैं। 
पट्टे लैप्स हो गए
केन्द्र सरकार के खान मंत्रालय ने प्रदेश  की 395 खदानों  को बंद माना था। खनिज रियायत नियम 2016 के नियम 20 के मुताबिक यह स्पष्ट प्रावधान है कि जो भी खदानें अनुबंध के बाद 2 वर्ष की अवधि के भीतर खनन प्रारंभ नहीं करतीं या फिर खनन प्रारंभ के पश्चात 2 वर्ष की अवधि के लिए बंद कर दी जातीं हैं, तो उनका पट्टा लैप्स हो जाता है। इसी नियम के तहत् जबलपुर जिले की 16 खदानों के मालिकों को नोटिस दिए गए थे।
नहीं स्वीकारे तर्क
नोटिस के जवाब में श्री चड्ढा ने तर्क देते हुए कहा कि माइनिंग प्लान में भिन्नता के कारण शासन द्वारा अधिकृत एजेंसी मेसर्स सोहम फेरो मैनेजमेंट प्रायवेट लिमिटेड, नागपुर के द्वारा पट्टे का डीजीपीएस सर्वे करवाया गया है और संशोधित पुनरीक्षित माइनिंग प्लान पुन: तैयार कराया जा रहा है। यह भी कहा कि मासिक विवरणी ऑनलाइन भेजी जाती है, पर माइनिंग विभाग ने इन तर्कों को नहीं माना और निरस्तीकरण का प्रस्ताव भेज दिया। 
कुल 16 खदानें 
जबलपुर जिले की कुल 16 खदानों को निरस्त करने का प्रस्ताव माइनिंग विभाग ने भेजा है। इनमें से 13 खदानें आयरन ओर, 2 बाक्साइट और 1 मैंगनीज की हैं। सभी के पास माइनिंग प्लान, पंजीकृत माइनिंग प्लान या पर्यावरण स्वीकृति का अभाव है। 
 

Created On :   14 Aug 2020 1:50 PM IST

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