झुग्गी बस्तियों व आंगनबाडिय़ों में होगा जॉय आफ गिविंग, मोबाइल ऐप से कराई जाएगी मॉनिटरिंग 

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
 झुग्गी बस्तियों व आंगनबाडिय़ों में होगा जॉय आफ गिविंग, मोबाइल ऐप से कराई जाएगी मॉनिटरिंग 

 डिजिटल डेस्क दमोह । राज्य आनंद संस्थान दमोह और ग्रामीण क्षेत्रों में नेकी की दीवार फिर खड़ी करने की कवायद में जुट गया है। 3 साल पूर्व मकर संक्रांति पर वंचितों के लिए वस्तुएं दान करने शुरू हुए जाय आफ गिविंग कार्यक्रम को नए कलेवर में शुरू किया जाएगा। अब नेकी की दीवार दलित बस्तियों और आंगनबाडिय़ों के नजदीक बनाने का विचार है। इसको मोबाइल ऐप से मॉनिटरिंग भी कराई जाएगी,।  तत्कालीन भाजपा सरकार ने इसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम बताते हुए समूचे प्रदेश की भांति दमोह में भी धूमधाम से शुरू किया था लेकिन धीरे-धीरे लोगों का उत्साह ठंडा हो गया दरअसल इन दीवारों की दुर्गति के पीछे मुख्य वजह बहुचर्चित और हाई प्रोफाइल संस्था जन अभियान परिषद के गर्त में चला जाना है। नेकी की दीवारों की देखरेख जन अभियान के भरोसे ही थी इसलिए यह नौबत आई। आनंद संस्थान ने पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए नई योजना पर काम शुरू किया है। अब जिले में गठित आनंद क्लब, गैर सरकारी संगठन और समाजसेवी वरिष्ठ नागरिकों को जवाबदेही सौंपी जा रही है ।आनंद क्लब से जुड़े स्वयंसेवकों को मोबाइल ऐप के जरिए नेकी की दीवार को गतिशील बनाए रखने और हर 2 सप्ताह में फोटो के साथ गतिविधियों का ब्योरा भेजने की जवाबदारी भी दी जाएगी।
 निशुल्क सामान मिलने के ठिये
 इसके अलावा संस्थान में नेकी की दीवार का स्थान बदलने का निर्णय भी किया है ।जरूरतमंदों के लिए निशुल्क सामान उपलब्ध कराने वाले ये ठिये अब झुग्गी बस्तियों के आसपास और आंगनबाडिय़ों में खोलने की योजना है ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभ मिले ।शहर में किसी एक स्थान पर दानदाताओं से सामान जमा कराने के केंद्र खोलने का भी प्रस्ताव है ।
धूमिल पड़ा कांसेप्ट
 उल्लेखनीय है कि 14 जनवरी 2017 को दमोह के जटाशंकर धाम में एक कार्यक्रम आयोजित कर तत्कालीन कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सीधा प्रसारण कर इसे अनेक ऊंचाइयों तक ले जाने की बातें कही थी। लेकिन यह सब टाय टॉय फिस्स हो गया उस दौरान अनेक संस्थाओं व गणमान्य नागरिकों सहित अन्य लोगों ने बढ़ चढ़कर घर गति के सामान व कपड़े आदि दान करने का सिलसिला शुरू किया था लेकिन दमोह के वृद्ध आश्रम के पास बनाई गई यह नेकी की दीवार अब मात्र औपचारिकता बन कर ही रह गई है और अब इस दिशा में किसी का भी उत्साह नहीं है ।जिस कारण से यह कांनसेप्ट धूमिल  हो गया है।
 इनका कहना है 
नेकी की दीवार को नए सिरे से शुरू करने की पहल की जा रही है इसमें मानिटरिंग व्यवस्था सहित अन्य प्रक्रियाओं में भी बदलाव किया जा रहा है इस संबंध में जैसे ही निर्देश प्राप्त होंगे कार्यवाही की जाएगी ।
तरुण राठी कलेक्टर दमोह

Created On :   19 Jan 2020 12:01 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story