संजय टाईगर रिजर्व में भिड़े बाघ, टी-16 घायल

Tigers clash in Sanjay Tiger Reserve, T-16 injured
संजय टाईगर रिजर्व में भिड़े बाघ, टी-16 घायल
संजय टाईगर रिजर्व में भिड़े बाघ, टी-16 घायल

डिजिटल डेस्क सीधी। संजय टाईगर रिजर्व सीधी के वन परिक्षेत्र दुबरी में बाघों की भिड़ंत में बाघ टी-16 घायल हो गया। युवा नर बाघ घटना के दौरान अपनी मां बाघिन टी-11 के साथ चल रहा था। एक अन्य नर बाघ से भिड़ंत होने पर बाघ टी-16 घायल हो गया। बाघों की इसके पहले भी भिड़ंत हो चुकी है। 
घुसपैठि बाघ को खदेड़ दिया
बताया गया है कि मानीटरिंग के दौरान संजय टाईगर अमले को बाघ टी-16 के भिड़ंत में घायल होने की जानकारी मिलते ही हाथी दस्ता पूरी तरह से एलर्ट हो गया।  बताते चले की यह वही मादा बाघ टी-11 है जिसको संजय टाइगर रिज़र्व की कुल माता होने का गौरव प्राप्त है। एक अन्य नर बाघ को भी घायल बाघ के नज़दीक देखा गया। जैसे ही हांथी महावत को एहसास हुआ कि दूसरा बाघ इस घायल बाघ को मारने की फिऱाक़ में है तो हांथी महावत ने अपना हांथी भरत बहादुर को दोनो बाघों के बीच में लगा दिया। मौक़ा पाकर मादा बाघ ने भी घुसपैठि बाघ को खदेड़ दिया। बाघ के घायल होने की सूचना जैसे ही क्षेत्र संचालक एके मिश्रा को मिली उनके द्वारा बान्धवगढ़ टाइगर रिज़र्व से तत्काल दो अतिरिक्त हांथियों को बुलवा लिया गया। वन्य जीव चिकित्सक डॉ अभय सेंगर को तत्काल मौक़े पर भेजा गया। बाघ के घावों का निरीक्षण किया गया लेकिन घाव बाघ के चाटने योग्य स्थान पर होने के कारण बिना बेहोश किए दूर से इंजेक्शन गन से दवा देने का निर्णय लिया गया। क्षेत्र संचालक स्वयं मोर्चा संभालते हुए हांथियों से टाइगर को ट्रैक कर लगातार 3 दिन तक इलाज करवाया गया। अभी वर्तमान में बाघ पूरी तरह स्वस्थ है एवं वन क्षेत्र में चहलक़दमी कर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
नर बाघ एसडी 022 का कॉलर निकाला गया
संजय टाईगर रिजर्व सीधी के परिक्षेत्र पोंडी में नर बाघ एसडी 022 को 10 दिसम्बर 2018 को कान्हा टाईंगर रिजर्व मंडला के गोरिल्ला एनक्लोजर से ट्रेंक्युलाइज कर कॉलर करने के उपरांत स्वस्थ एवं सुरक्षित अवस्था में छोडा गया। परिक्षेत्र द्वारा गठित ट्रेकिंग टीम द्वारा लगातार सतत्द्म इसकी ट्रेकिंग की जा रही थी  और नर बाघ एसडी 022 द्वारा परिक्षेत्र पोंडी एवं परिक्षेत्र मोहन में अपनी टेरेटरी स्थापित की गयी। लगभग 11 माह बीत जाने के पश्चात इसकी उम्र के साथ-साथ शरीर में वृद्धि होने के कारण इसके गले का कॉलर टाईट होने की वजह से क्षेत्र संचालक एके  मिश्रा द्वारा इसके कॉलर को निकलवाने की अनुमति भारत सरकार एवं वन्य प्राणी शाखा के चीफ वाइल्ड लाईफ वार्डन भोपाल से ली गयी। इस आपरेशन हेतु बांधवगढ टाईगर रिजर्व से दो हाथियो को लाया गया। 
हाथियों की सहायता से खोजा बाघ
परिक्षेत्र पोंडी मे 4 नवंबर को क्षेत्र संचालक एवं सहायक संचालक सीधी के निर्देशन में बाघ को सर्च करने हेतु परिक्षेत्राधिकारी पोंडी द्वारा टीम बनाकर एवं हाथियों की सहायता से बाघ को खोजकर दूसरे दिन ही संजय टाईगर रिजर्व के डॉ अभय सेंगर, वन्यप्राणी चिकित्सक एवं डॉ अमोल रोकड़े, सहायक प्राध्यापक एसडब्ल्यू एफएच जबलपुर के द्वारा ट्रेकयुलाइज करके उसके गले के कॉलर को निकाला गया तथा उसका स्वास्थ परीक्षण कर एण्टीडॉट देकर स्वस्थ अवस्था में पोंडी के जंगल में पुन: छोड दिया गया। जिसकी पोंडी के कर्मचारियो द्वारा सतत निगरानी की जा रही है।
 

Created On :   9 Nov 2019 8:27 AM GMT

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