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रोके गए दो बाल विवाह - महिला सशक्तिकरण विभाग की पहल
डिजिटल डेस्क बालाघाट। महिला सशक्तिकरण विभाग के अधिकारियों की सजगता से जिले के दो स्थानों पर होने जा रहे बाल विवाह को रोकने में कामयाबी मिली है। विभाग के अमले ने पुलिस एवं सामाजिक कार्यकत्र्ता के सहयोग से दो नाबालिगों को कच्ची उम्र में विवाह बंधन में बंधने से रोक दिया है। जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी बालाघाट सुश्री वंदना धूमकेती को विकास खण्ड बालाघाट के ग्राम आमगांव के बेलदार टोला एवं विकासखंड लालबर्रा के ग्राम जाम में बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई । सूचना प्राप्त होते ही लाडो अभियान के अंतर्गत इन ग्रामों में जाकर समझाईश के माध्यम से बाल विवाह के रोकथाम एवं बाल विवाह के दुष्प्रभाव की जानकारी दी गई।
बेलदार टोला (आमगांव) में विवाह बंधन में बंधने जा रही बालिका की उम्र 15 वर्ष व बालक की उम्र 20 वर्ष थी, जो विवाह योग्य आयु नहीं पायी गई। इसके बाद बालक बालिका के परिजनों को जि.म.सश.अधि. सुश्री वंदना धूमकेती, खण्ड म.सश.अधि श्रीमति कल्पना जैन, नवेगांव थाने के टीआई श्री पटेल, आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक श्रीमती वंदना बारमाटे, आउटरीच कार्यकर्ता श्री नीरज स्वामी ने बाल विवाह न करने की समझाईश दी।
विकास खण्ड लालबर्रा के ग्राम जाम में बालिका की आयु 17 वर्ष 7 माह विवाह योग्य नहीं पायी गई। जिसके बाद बालिका के परिजनों को लालबर्रा की खण्ड म.सश.अधिकारी श्रीमती गीता बोरकर, लालबर्रा के थाना प्रभारी व संरक्षण अधिकारी श्री मनोज खरे ने बाल विवाह न करने की समझाईस दी। विभागीय अमले द्वारा बालिका के परिवारजनों को समझाईश दी गई कि बालिका की उम्र 18 वर्ष से कम है।
इस उम्र में विवाह करना बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत् कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है एवं बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में भी बताया गया। उक्त समझाईश से परिवार के सदस्य बाल विवाह रोकने एवं बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह करने के लिए सहमत हुए।
Created On :   26 April 2018 7:14 PM IST