चौरई बांध के खोले गए दो गेट, स्वाधीनता दिवस पर मिली सौगात

Two gates of Chaurai Dam opened, gift received on Independence Day
चौरई बांध के खोले गए दो गेट, स्वाधीनता दिवस पर मिली सौगात
चौरई बांध के खोले गए दो गेट, स्वाधीनता दिवस पर मिली सौगात

डिजिटल डेस्क, रामटेक। जलसंचय को लेकर अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे तोतलाडोह प्रकल्प की सहायता करने अब चौरई प्रकल्प सामने आया है। अच्छी बारिश के चलते चौरई प्रकल्प में 92 प्र.श. जलसंचय हुआ है। रक्षाबंधन तथा स्वाधीनता दिवस यानी 15 अगस्त को सुबह 10.30 बजे चौरई बांध के दो गेट सात सेमी तक खोले गए। जिसमें से दो सौ क्युबिक पानी का विसर्ग हो रहा है। यह पानी पेंच नदी से 110 किमी की दूरी तय कर तोतलाडोह में पहुंच रहा है। 2 से 3 दिनों तक यह पानी आता रहेगा। फिलहाल तोतलाडोह में 2.5 प्र.श. पानी है। चौरई से छोड़ा गया पानी सीमावर्ती म.प्र. में हो रही बारिश का पानी और तोतलाडोह परिसर में हो रही बारिश के बाद आगामी दो दिनों में तोतलाडोह का जलसंचय 3 प्र.श. होने का अनुमान है। इस वर्ष अधिकतम 45 से 50 प्र.श. पानी का जलसंचय होने की उम्मीद है। इससे पहले तोतलाडोह में मध्यप्रदेश से आने वाला पानी लगभग बंद हो गया था। इस क्षेत्र में अल्प बारिश से तोतलाडोह में जलसंचय नहीं के बराबर था। डेड स्टाक तक के पानी के उपयोग से तोतलाडोह ने किसान, उद्यमी और मनपा नागपुर को चिंतित कर दिया था। सिंचाई कमांड एरिया के किसानों के पैरों तले की जमीन खिसक गई थी। सिंचाई विभाग, कृृषि विभाग भी बारिश को लेकर परेशान था। ऐसे में चौरई से पानी छोड़ा जाना ही विकल्प था। पानी छोड़ने की मांग उठी।  प्रयास जारी रहे। अंततः चौरई में 92 प्र.श. जलसंचय के बाद 15 अगस्त को पानी छोड़ा गया। जिससे क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। क्षेत्र में बारिश सत्र में लगभग 1100 मिमी बारिश होती है। अभी तक औसतन आधी बारिश हुई है। जुन-जुलाई बगैर बारिश का गया। जुलाई महीने के अंत में अच्छी बारिश हुई। जिससे धान उत्पादक किसानों को राहत मिली। उन्होंने हिम्मत जुटाकर धान के रोप लगाए। तभी से अब तक धान रोपाई का कार्य प्रगति पर है। धान फसल के लिए दो पाली में नहर द्वारा पानी की आवश्यकता होती है लेकिन नागपुर मनपा की प्यास बुझाते-बुझाते नवेगांव खैरी और तोतलाडोह प्रकल्प डेड स्टाक के जलस्तर तक पहुंच गया है। तोतलाडोह क्षेत्र में इतनी कम बारिश हुई कि, एक तो वह डेड स्टाक स्थिति से नहीं उभर पाया है। ऐसे में 92 प्र.श. से अधिक जलस्तर के चौरई प्रकल्प से छोड़े गए पानी ने किसानों सहित नागपुर मनपा की उम्मीद बढ़ा दी है।

श्रेय लेने की मची होड़

इधर चौरई से पानी छोड़े जाने की खबर फैलते ही पानी छोड़ने का श्रेय लेने वालों की होड़ सी मच गई है। छोड़े गए पानी में अब राजनीतिक लाभ लेने वालों की नैया चलने लगी है। श्रेय लेने के दावे सोशल मीडिया पर जोरो-शोरों से वायरल हो रही है। उनके समर्थक भी अपने नेताओं की वाहवाही कर रहे हैं। पंस रामटेक के पूर्व उपसभापति तथा कांग्रेस के जिला महासचिव उदयसिंह (गज्जू ) यादव ने इस मांग को म.प्र. सरकार तक पहुंचाने का पुख्ता दावा किया है। उन्होंने संबंधित मंत्री से मुलाकात, ज्ञापन के बाद मिले आश्वासन के प्राप्त सबूत मीडिया कर्मियों को दिखाते हुए सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए हैं। बताया कि उनके प्रयासों को अंततः सफलता मिली है। कमलेश्वर पटेल, मंत्री मध्यप्रदेश तथा पालकमंत्री बैतूल बालाघाट जिला ने गत 13 अगस्त को  वल्लभ भवन, मंत्रालय भोपाल में भेंट ली थी। उनके माध्यम से हुकुमसिंह कराडा द्वारा नोटशीट भेजकर पानी छोड़ने का अनुरोध किए जाने की बात कही जा रही है। जिसके चलते  हुकुमसिंह कराडा, मंत्री, जलसंसाधन विभाग मध्यप्रदेश द्वारा सबंधित विभाग को प्राप्त अनुरोधानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उसी के चलते जलसंसाधन विभाग, मध्यप्रदेश सरकार ने चौरई प्रकल्प से 200 क्युबिक पानी छोड़ने को मंजूरी दी। बताया जाता है कि, इसके आगे भी चौरई में पानी के आवक अनुसार 90 प्र.श. जलसंचय रोककर शेष अतिरिक्त आवक अनुसार पानी तोतलडोह प्रकल्प में महाराष्ट्र को मिलता रहेगा। उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव  के नेतृत्व में मिले शिष्टमंडल में सुरेश यादव, रणवीर यादव, सचिन खागर, चंद्रकांत नंदनवार उपसरपंच नगरधन उपस्थित थे। उधर विधायक डी. मल्लिकार्जुन रेड्डी ने भी पानी छोड़े जाने पर खुशी व्यक्त की है। उनके प्रयास से चौरई का पानी तोतलाडोह पहुंचा है। कहा कि, वे लगातार प्रयासरत थे। जो भी हो लेकिन, ऊपरी बारिश और चौरई प्रकल्प का पानी मिलने से तोतलाडोह से किसानों को सिंचाई की आस बनी हुई है।

Created On :   16 Aug 2019 4:02 PM GMT

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