कोयले निकालने के प्रयास में दो की मौत - सुरंग बनाकर कर रहे थे चोरी

Two killed in an attempt to extract coal - they were stealing by making tunnels
 कोयले निकालने के प्रयास में दो की मौत - सुरंग बनाकर कर रहे थे चोरी
 कोयले निकालने के प्रयास में दो की मौत - सुरंग बनाकर कर रहे थे चोरी

डिजिटल डेस्क अनूपपुर/कोतमा। जिले मे बंद पडी कोयला खदानों से कोयले की चोरी थमने का नाम नही ले रही है। बंद पडी खदानों के साथ-साथ अन्य स्थलों मे भी सुरंगनुमा गड्ढे खोदकर कोयले का उत्खनन किया जा रहा है। वही दूसरी तरफ कॉलरी प्रबंधन भी उत्पादन पूर्ण हो जाने के पश्चात खदानों को यूं ही छोड देते हैं। न तो बंद पडी खदानों को नियमानुसार सुरक्षित किया जाता है और न ही उसकी सुरक्षा के लिए कोई कारगर उपाय किये जाते हैं। जिसका फायदा कोल माफिया उठा रहे हैं। अवैध उत्खनन के दौरान हादसे भी होते रहे हैं। गत वर्ष 29 मई को ऐसी ही एक बंद पड़ी खदान मे कोयले के उत्खनन के दौरान मिट्टी धंसने की वजह से 36 वर्षीय युवक  की मौत हो गई थी। वहीं 15 जनवरी की शाम हरद में बंद पड़ी ओसीएम में कोयले की चोरी के दौरान दो युवक चट्टान गिरने से दबकर मर गए। 16 जनवरी को इसकी सूचना मिली और देर शाम तक सिर्फ एक युवक का ही शव ढूंढा जा सका। 
फिर हुआ हादसा 
इससे पूर्व 1 जनवरी को राजनगर थानान्तर्गत भलमुडी ग्राम में कोयले के अवैध उत्खनन के दौरान मनहरण अगरिया की मिट्टी धसने से मौत हो गई थी। 15 जनवरी की शाम लगभग 5 बजे 4 -5 युवक बंद पड़ी हरद ओसीएम में कोयले का उत्खनन करने पहुंचे थे। जहां वे खुली खदान में सुरंग बनाकर कोयला निकाल रहे थे। तभी बड़ी सी चट्टान नीचे गिरी और लोग दब गए। इस समूह में शामिल सुखसागर यादव व दो अन्य वहां से भाग खड़े हुए। जबकि पप्पू सिंह व तेजलाल प्रजापति चट्टान के नीचे दब गए। 
16 को मिली जानकारी
15 जनवरी की शाम घटित हुई घटना की जानकारी 16 जनवरी की दोपहर पुलिस को दी गई। आनन-फानन में एसडीओपी एसएन प्रसाद, भालूमाड़ा थाना प्रभारी आरएन आर्मो दलबल सहित घटना स्थल पर पहुंचे। जहां लोगों ने चट्टान के नीचे तेजलाल प्रजापति व ऋषपाल सिंह उर्फ पप्पू को चट्टान के नीचे दबा होना बतलाया। लगभग 6 घंटे की मशक्कत के बाद तेजलाल प्रजापति का शव निकाला जा सका। वहीं पप्पू सिंह का शव देर शाम भी नही ढूढा जा सका था। 
कालरी प्रबंधन की लापरवाही
जमुना कोतमा अंतर्गत लगभग आधा दर्जन भूमिगत खदाने व एक खुली खदान को उत्पादन पूर्ण होने के पश्चात यंू ही छोड़ दिया गया है। न तो विभागीय नियमों के अनुसार उसे जिला प्रशासन को हस्तान्तरित किया गया है और न ही उनकी सुरक्षा के लिए कोई प्रहरी नियुक्त किए गए हैं। कोयले की उपलब्धता के कारण स्थानीय लोग और कोल माफिया इन बंद पड़ी खदानों से कोयले की चोरी कराई जाती रही है। इस हादसे के बाद एक बार फिर कालरी प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई।  
इनका कहना है 
कोयला उत्खनन के दौरान दो लोगों की दब जाने की सूचना पर मौके पर पुलिस बल को भेजा गया है। एक शव बरामद कर लिया गया है। दूसरे की तलाश जारी है। वहीं बंद पड़ी खदानों की सुरक्षा के लिए कालरी प्रबंधन को निर्देशित किया जाएगा।
श्रीमती किरणलता, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर

Created On :   16 Jan 2020 7:38 PM IST

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