राजस्थान से शहर पहुँचे मजदूर, रात भर भटकते रहे

Workers reached the city from Rajasthan, wandering all night
राजस्थान से शहर पहुँचे मजदूर, रात भर भटकते रहे
राजस्थान से शहर पहुँचे मजदूर, रात भर भटकते रहे

डिजिटल डेस्क जबलपुर। पूरा देश लॉकडाउन है ऐसे में सबसे ज्यादा फजीहत मजदूरों की हो रही है। जो मजदूर दूसरे प्रदेशों के फँसे हैं वे अपने घर जाने परेशान हो रहे हैं। कुछ मजदूर तो सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय कर रहे हैं, तो कुछ को बसों से उनके घरों तक पहुँचाया जा रहा है। ऐसे ही कुछ मजदूरों को राजस्थान से बस से लाया गया और शनिवार की रात में उन्हें अँधमूक बायपास पर छोड़ दिया गया। मजदूर वहाँ से पैदल शास्त्री ब्रिज पहुँचे तो कुछ लोगों की नजर उन पर पड़ी कि इतनी संख्या में ये मजदूर रात में क्यों घूम रहे हैं। कुछ लोगों ने तहसीलदार और पुलिस को इसकी खबर दी। मौके पर पुलिस कर्मियों ने पहुँचकर पूरी जानकारी लेने के बाद मजदूरों को उनके घर सिवनी घंसौर रवाना कराया। 
सिवनी जिले के घंसौर क्षेत्र में रहने वाले 16 से ज्यादा मजदूर राजस्थान में मजदूरी करने गये थे। लॉकडाउन के कारण उनके सामने खानपान की समस्या आ गई थी, कहीं से मदद भी नहीं मिल रही थी, जिसके बाद उन्होंने घर जाने का निश्चय किया। मजदूरों को राजस्थान बार्डर से लाकर जबलपुर छोड़ दिया गया, जबकि इनके साथ जो बाकी मजदूर आए थे, उन्हें बस लेकर कटनी रवाना हो गई। ये मजदूर रात में शहर में घूम रहे थे। इसकी सूचना तहसीलदार प्रदीप मिश्रा को मिली जिन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी तो सीएसपी अखिल वर्मा सहित पुलिस के अधिकारी शास्त्री ब्रिज के पास पहुँचे और मजदूरों से चर्चा करने के बाद उन्हें भोजन आदि कराया और  वाहन से बायपास तक छुड़वाया। वहाँ से सुबह लगभग 4 बजे ट्रक में बैठाकर इन मजदूरों को इनके गाँव भेजा गया। रविवार को दोपहर में वे अपने घर पहुँच गये थे। 
जाँच न होने की रही चर्चा- दूसरे प्रदेशों और जिलों से मजदूर आ रहे हैं लेकिन उनकी जाँच और क्वारेंटाइन किए जाने की कोई सुविधा नहीं है। इन मजदूरों के भी आने के बाद न तो इनका कोई फालोअप ले रहा था और न ही इनकी जाँच कराई गई। अगर इनमें से कोई संक्रमित होगा तो इसकी सूचना न तो किसी अधिकारी को सिवनी में दी गई और न ही इन्होंने बताया। ऐसे में लापरवाही भी नजर आ रही है कि मजदूरों को सिर्फ उनके घरों तक पहुँचाने की जल्दी है। हालाँकि अधिकारियों का कहना है कि सभी मजदूर स्वस्थ थे इसलिये इनकी जाँच की जरूरत नहीं थी। 
 

Created On :   4 May 2020 8:37 AM GMT

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