Panna News: रंगों व उम्मीदों से गढी नई तस्वीर, कभी उपेक्षित रहीं अब बनीं अनुकरणीय मिशाल

रंगों व उम्मीदों से गढी नई तस्वीर, कभी उपेक्षित रहीं अब बनीं अनुकरणीय मिशाल

Panna News: मैं उस समाज से हूं जिसे इतिहास ने हमेशा हाशिए पर धकेला, तिरस्कार और भेदभाव की निगाहों से देखा। बचपन कटते ही पिता का साया सिर से उठ गया। छोटी उम्र में ही विवाह हो गया और जीवन के संघर्ष गुना बढ़ गए। पांच बच्चों का पालन-पोषण, रोजग़ार की चिंता और समाज की अपराधी नजऱ ने जिंदगी को और पत्थर सा बना दिया लेकिन मैंने तय किया कि मेहनत और ईमानदारी ही मेरा सहारा होगी। इसी रास्ते ने मुझे उम्मीदों से मिलाया। लास्ट वाइल्डरनेस फाउंडेशन से जुडऩा मेरे जीवन का मोड़ साबित हुआ। विद्या मैडम और इंद्रभान बुंदेला सर ने हमें यह विश्वास दिलाया कि हमारे भीतर ही हुनर छिपा है बस दिशा देने की ज़रूरत है। उन्होंने मेरी और समाज की अन्य महिलाओं की पारंपरिक कला व जंगल के ज्ञान को रोजग़ार की डगर पर उतारा।

मैंने हाथों को हुनरमंद बनाना सीखा। लकड़ी और कागज पर वन्य जीवों की कलाकृतियां उकेरना, तेंदू बीजों से गहने बनाना, कपड़ों और फलों पर चित्रकारी करना यह सब मेरी रोजमर्रा की मेहनत और सम्मान दोनों का हिस्सा बन गया। हमारे बनाए उत्पाद सिर्फ स्थानीय मेलों तक सीमित नहीं रहे। बल्कि राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों और यहां तक कि खजुराहो जी-20 समिट तक पहुंचे। इतना ही नहीं फाउंडेशन ने हमें वॉक विद पारधी जैसी पहल से जुडऩे का मौका दिया। अब हम सैलानियों को जंगल की गहराइयों से रूबरू कराते हैं। कभी शिकार के लिए इस्तेमाल होने वाला यह हुनर आज प्रकृति संरक्षण और आय अर्जन का जरिया बना है। स्टार होटलों तक हमारी कला और ज्ञान की परख पहुंच चुकी है। आज मेरी पहचान बदल चुकी है। जो परिवार कभी समाज के किनारे खड़ा था वहीं अब सम्मानजनक जिंदगी जी रहा है। मेरे बच्चे शिक्षा पा रहे हैं और मैं गर्व से खुद को सबके सामने पेश कर पाती हूं।

Created On :   27 Sept 2025 2:44 PM IST

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