महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले व्यक्ति को 7 साल की जेल
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शनिवार को एक महिला की आत्महत्या के मामले में एक व्यक्ति को सात साल कैद की सजा सुनाई है। आरोपी द्वारा गाली-गलौज और मारपीट करने के बाद महिला ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी, जो उसका पड़ोसी था। उसने उसे आत्महत्या करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। हाईकोर्ट ने आरोपी शांता शेट्टी को बरी करने के निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति एस. रचैया की अध्यक्षता वाली पीठ ने चामराजनगर पुलिस द्वारा आरोपियों को बरी करने को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने के बाद आदेश पारित किया।
अदालत ने कहा कि निचली अदालत ने मृतक महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रमाण पत्र के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया था। अदालत ने कहा कि इस मामले में प्रमाणीकरण केवल तकनीकी है और इसे साक्ष्य के रूप में नहीं माना जा सकता है।
अदालत ने कहा, अगर बयान भरोसेमंद है, तो इसे सबूत माना जा सकता है। उसकी मौत से पहले दर्ज किए गए बयानों को पीड़िता ने प्रमाणित किया और यह साबित करता है कि वह व्यक्ति स्वस्थ मानसिक स्थिति में था। मृतका के पति और अन्य चश्मदीद गवाहों ने इस बात की पुष्टि की थी कि पीड़िता ने आरोपी व्यक्ति द्वारा अपमान सहन नहीं कर पाने के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। अदालत ने कहा कि हेड कांस्टेबल ने उसका बयान दर्ज किया था।
आरोपी का 12 जून 2008 को पीड़िता से झगड़ा हो गया था। उसने उससे सवाल किया था कि उसने उसकी पत्नी से लड़ाई क्यों की। साथ ही गाली-गलौज करते हुए घर से निकालकर मारपीट भी की। आरोपी ने पीड़िता से यह भी कहा था कि बेहतर है कि उसकी मौत हो जाए। इसके बाद पीड़िता ने केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली। महिला ने पांच दिन बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
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Created On :   21 May 2022 9:00 PM IST