Kark Sankranti 2025: 16 जुलाई को है कर्क संक्रांति, भगवान सूर्य की इस विधि से करें पूजा

- यह दिन भगवान सूर्य के लिए समर्पित है
- श्रद्धालु सूर्य देव की उपासना करते हैं
- पूजा से सूर्यदेव का आशीर्वाद मिलता है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू कैलेंडर के सबसे पवित्र माह में से एक सावन चल रहा है। वैसे तो यह पूरा महीना देवों के देव महादेव यानि कि भगवान शिव का समर्पित है। लेकिन, इसी महीने में भगवान सूर्य की भी खास पूजा होती है। दरअसल, सावन में सूर्य देव का राशि परिवर्तन होता है, जिसे कर्क संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
यह दिन भगवान सूर्य की पूजा करने के लिए समर्पित है। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान-ध्यान के पच्श्रात सू्र्य देव की पूजा उपासना करते हैं। हिंदू धर्मिक मान्यता है कि संक्रांति के दिन पूजा और दान करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु और सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कब है कर्क संक्रांति?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्क संक्रांति 16 जुलाई को है। इस दिन सूर्यदेव शाम 05 बजकर 40 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इसी दिन से दिन छोटे होने लगते हैं और रातें लंबी।
पूजा की विधि
- इस दिन पर सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रमादि से निवृत होकर स्नान करें।
- संक्रांति पर गंगा या पवित्र नदी में स्नान करें संभव ना हो सके तो गंगा जल से स्नान करें।
- भगवान सूर्य को तांबे के पात्र से जल चढ़ाएं और मंत्र का जाप करें।
- लाल फूल, चंदन, धूप, दीप अर्पित कर सूर्य देव के निमित्त अपने स्थान पर 7 बार परिक्रमा करें।
- पूजा के बाद मिथुन संक्रांति पर दान का संकल्प लिया जाता है।
- इस दिन खासतौर से कपड़े, अनाज और जल का दान किया जाता है।
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Created On :   15 July 2025 6:32 PM IST