Sawan 2025: सावन के महीने में शिव मंदिर जाने का है मन, तो मध्य प्रदेश के इन खास मंदिरों में जरूर करें दर्शन

- सावन के महीने में शिव मंदिर जाने का बहुत लोगों का होता है मन
- मध्य प्रदेश के खास शिव मंदिरों की करें सैर
- सभी मंदिरों की अलग-अलग हैं मान्यताएं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और आस्था का सबसे पावन महीना माना जाता है। इस दौरान शिव भक्त पूजा, व्रत और दर्शन के माध्यम से भोलेनाथ को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। भगवान शिव को समर्पित ये महीना शिवभक्तों के लिए बहुत खास होता है। भारत के अलग-अलग कोनों में भगवान शिव को समर्पित कई मंदिर मौजूद हैं। जिनको रहस्यमयी और चमत्कारी माना जाता है। ऐसे ही मध्य प्रदेश में कई मंदिर मौजूद हैं, जिनकी अलग-अलग मान्यताएं हैं। अगर आप भी सावन के महीने में अलग-अलग मंदिरों में जाकर दर्शन करना चाहते हैं तो, मध्य प्रदेश के इन मंदिरों में जरूर दर्शन करें। तो चलिए मध्य प्रदेश के मंदिरों की खासियत और मान्यताओं के बारे में जानते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर की मान्यताएं और रहस्य
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर भी है, जिसकी कई अलग-अलग मान्यताएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि, वहां का शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था, इसलिए सावन में इस मंदिर का र्दशन करना बहुत शुभ होता है। पवित्र शिप्रा नदी के किनारे स्थित महाकालेश्वर मंदिर भक्ति और आध्यात्मिक उत्सव का प्रतीक है। भगवान शिव के प्रचंड रूप को समर्पित महाकाल का ये मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं में अत्यधिक महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान शिव ने दूषण नामक राक्षस का वध करके अपने भक्तों की रक्षा की थी। तब भक्तों के आग्रह करने पर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए थे। महाकालेश्वर मंदिर की कई और मान्यताएं भी हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भस्म आरती को माना जाता है। महाकाल की भस्म आरती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और ऐसा माना जाता है कि पहले यहां जली हुइ चिताओं की राख से भस्म आरती होती थी, लेकिन अब यहां गाय के गोबर से बने कंडों की राख से होती है।
ओंकारेश्वर मंदिर का रहस्य
ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी के बीच एक द्वीप पर स्थित है। जिसका आकार (ऊँ) के जैसा है, और यह अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती रात के समय निवास करते हैं और चौरस-पाखे खेलते हैं। इस मंदिर के दर्शन को भी महाकाल मंदिर के जितना ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
भोजेश्वर मंदिर, भोपाल
भोपाल से 28 किमी दूर स्थित एक मंदिर जो एक विशाल शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का शिवलिंग एक ही पत्थर से बना हुआ और यह 18 फिट ऊंचा है। यह मंदिर अधूरा है और एसा कहा जाता है कि अगर इसको बनवाया गया तो यह विनाश का कारण बन सकता है। इस मंदिर को बनाने के लिए पांडवों ने ये संकल्प लिया था कि ये मंदिर एक रात में ही बनाकर तैयार करेंगे, जिससे उनकी माता कुंति आराम से भगवान शिव की पूजा कर पाएं। हालांकि, ये मंदिर एक रात में पूरा नहीं बन पाया था, इसलिए ही ये अभी तक अधूरा है। इस मंदिर में सावन के पूरे महीने में पूजा-अर्चना होती है।
जटा शंकर मंदिर
मध्य प्रदेश के खूबसूरत हिल स्टेशन पचमढ़ी में भोलेनाथ का प्रसिद्ध जटा शंकर मंदिर है। यहां गुफाओं में शिवलिंग बसा है, जहां पर आप ट्रैकिंग भी कर सकते हैं और शांत माहौल में भगवान शिव का ध्यान कर सकते हैं।
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Created On :   14 July 2025 4:14 PM IST